इसे कहते हैं गेट फांदो योगा
मंडी — इन दिनों पड्डल मैदान मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार से लोगों की आवाजाही बंद होने के बावजूद नहीं रुक रही है। मैदान के प्रवेश द्वार पर आलम यह है कि स्थानीय लोगों के अलावा कालेज के विद्यार्थी बिना किसी डर के मैदान की दीवारें फांद का प्रवेश कर रहे हैं। अगर इस दौरान कोई बड़ी दुर्घटना हो गई, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, लेकिन घटना से बेपरवाह कोई भी टेंशन नहीं ले रहे हैं। खेल विभाग के निर्देशों को कोई नहीं मान रहा है। कालेज स्टूडेंट्स लोहे की ग्रिलें क्रॉस करके मैदान से कालेज जा रहे हैं। विभाग के कर्मचारियों द्वारा मैदान में कालेज गेट से प्रवेश करने के बारे में बार-बार बोलने के बावजूद खेल विभाग के गेट से ही प्रवेश किया जा रहा है। शनिवार को दोपहर बाद कालेज की कुछ छात्राएं दीवार को क्रॉस करती गिर पड़ीं। लेकिन उक्त घटना के बावजूद विद्यार्थी दीवारों को क्रॉस कर रहे हैं, जबकि कालेज में मुख्य प्रवेश द्वार समस्त स्टूडेंट्स के लिए खुला रहता है। बता दें कि खेल विभाग ने पड्डल मैदान को हरा-भरा रखने व आवारा पशुओं के बचाव के लिए प्रवेश बंद कर दिया है। मैदान के प्रवेश द्वार पर दोनों गेट बंद कर दिए हैं। विभाग खेलों के आयोजन के लिए उक्त गेटों को खोलता है। इसके अलावा अन्य समय के लिए मैदान के लिए आवाजाही बंद है। वहीं पड्डल मैदान में लोगों द्वारा सुबह से शाम तक डेरा जमाया होता है जिस कारण मैदान में सफाई व्यवस्था भी चौपट हो रही है। विभाग की लाख कोशिश के बाद भी मैदान में व्यवस्था नहीं बन पाई है। मैदान पर करोड़ों की राशि खर्च करने के बाद भी मैदान की हालत नहीं सुधर पा रही है। वहीं कालेज के विद्यार्थी भी खाली समय में कालेज परिसर में धूप सेंकने की बजाय पड्डल मैदान में धूप सेंकते हैं। पड्डल मैदान में केवल खेल गतिविधियों व अन्य सरकारी कार्यक्रमों के लिए खोला जाता है। इसके बावजूद मैदान में भारी भीड़ लगी रहती है। मैदान के सभी प्रवेश द्वार बंद होने के बाद भी लोग प्रवेश द्वार की रेलिंग को फांदकर मैदान में प्रवेश करते हैं। इस बारे में जिला खेल अधिकारी सुनील शर्मा का कहना है कि पड्डल मैदान के मुख्य प्रवेश द्वार के गेट खेलों के आयोजन के दौरान खोले जाते हैं। मैदान को आवारा पशुओं से बचाने के लिए छोटा गेट बंद किया गया। कालेज विद्यार्थियों को गेट बंद होने के बावजूद दीवार फांदकर जाना गलत है। इस दौरान अगर कोई घटना हो जाती है तो विभाग इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
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