कहीं बकरे, कहीं घी का इंतजाम

By: Dec 11th, 2017 12:04 am

पांवटा साहिब— जिला सिरमौर में परंपराओं और संस्कृति के धनी गिरिपार क्षेत्र के हाटी हर वर्ष 11 जनवरी को मनाए जाने वाले माघी त्योहार की तैयारियों में जुटे हुए हैं। क्षेत्र के लोग पर्व के लिए खरीददारी व अन्य तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। पर्व के लिए मांसाहारी जहां बकरों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं, वहीं शाकाहारी वर्ग घी-शक्कर के इंतजाम में लगे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक गिरिपार क्षेत्र में माघी त्योहार सदियों से मनाया जाता है। परंपरा के मुताबिक इस पर्व पर बकरा काटा जाता है तथा मां काली के नाम की बकरे के लहू की कढ़ाई चढ़ाई जाती है। बुजुर्गों के मुताबिक मां काली पूरे साल उनकी हर कष्टों से रक्षा करती है। इस पर्व को लेकर क्षेत्र के लोगों में उत्साह रहता है। अहम यह है कि इस पर्व के लिए घर से बाहर रोजी-रोटी के जुगाड़ में व नौकरी कर रहे नौकरी पेशा लोग भी घर जरूर आते हैं। इससे परिवार मिलन भी हो जाता है और पर्व भी मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक यह माघी त्योहार गिरिपार क्षेत्र के तहसील शिलाई, संगड़ाह, राजगढ़, उपतहसील कमरऊ, रोनहाट तथा पांवटा तहसील की आंजभौज की पंचायतों समेत उत्तराखंड के जोंसार बाबर और शिमला जिले में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पर्व के पहले दिन दूर-दूर से नौकरी पेशा लोग परिवार समेत अपने घर आते हैं। पूरा परिवार मिलकर पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाता है तथा मिल-जुलकर इस पर्व को मनाया जाता है। इस बार 11 जनवरी को गुरुवार का दिन आ रहा है, जिस कारण कई लोग पहले ही 10 जनवरी को यह पर्व मनाएंगे। बहरहाल गिरिपार क्षेत्र में माघी पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। उक्त पर्व पर क्षेत्र में बकरे काटे जाते है। हालांकि अब क्षेत्र में करीब 50 फीसदी परिवार ऐसे हो चुके हैं जो शाकाहारी तरीके से बिना बकरे काटे इस पर्व को मनाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि साल में एक बार वह लोग भी घर आ जाते हैं जो काम के सिलसिले में साल भर बाहर रहते हैं।


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