पत्तियां गिरने के बाद ही करें कटिंग

By: Dec 11th, 2017 12:05 am

 शिमला  — प्रदेश के कम व मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागबानों ने पू्रनिंग (सेब के पौधों में कांट-छांट) का कार्य शुरू कर दिया है। हालांकि सेब के पौधों से पूरी तरह पत्तियां न झड़ने के चलते अभी समूचे प्रदेश में प्रूनिंग का कार्य शुरू नहीं हो सका है। मगर उन क्षेत्रों में बागबान इस कार्य में जुट गए हैं, जिनके बागीचों में सेब के पौधों से पत्तियां गिर गई हैं। प्रदेश में ड्राई स्पैल के चलते बगीचों में नए पौधों को रोपित करने के लिए गड्ढे का निर्माण, पौधों में तौलिए बनाने सहित अन्य विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं, जबकि उक्त कार्य के लिए दिसंबर माह के शुरुआती दिनों को उपयुक्त माना जाता है। बागबान बिना नमी के उक्त कार्य नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे मेें बागबानों ने बागीचों में प्रूनिंग (काट-छांट) का कार्य आरंभ कर दिया है, ताकि बगीचों में पर्याप्त नमी होने पर शेष रहते विकास कार्यों को समय रहते पूरा किया  जा सके। प्रदेश के कुमारसैन, ठियोग, कुल्लू व रोहड़ू सहित जुब्बल-कोटखाई के कम व मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई स्थानों पर बागबानों ने पौधों की काट-छांट का कार्य शुरू कर दिया है। बागबानी विशेषज्ञों के मुताबिक जिन क्षेत्रों में सेब के पौधों में पत्तियां गिर गई है। वहां पर बागबान पौधों की कांट-छांट का कार्य कर सकते है, जबकि उन क्षेत्रों में बागबानों को पत्तियां गिरने का इंतजार करना चाहिए, जिन क्षेत्रों में पौधों से अभी तक पत्तियां नहीं झड़ी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ स्थानों पर बागबान पौधों को गिरने के लिए स्प्रे का प्रयोग भी करते है, जो गलत है। विशेषज्ञों के मुताबिक प्राकृतिक प्रक्रिया के तहत ही पौधों से पत्तियां गिरने दें और उसके पश्चात ही प्रूनिंग कार्य करें। जो पौधों के लिए लाभदायक रहता है।

विभाग के पूर्वानुमान से जगी आस

मौसम विभाग ने प्रदेश में आगामी 4 दिन तक बारिश की उम्मीदें  जताई हैं। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश व बर्फबारी की भी चेतावनी जारी की गई है। ऐसे में विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए बागबानों के चेहरों पर रौनक लौटने लगी है।


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