प्रदेश के नौ और नौजवान सेना में लेफ्टिनेंट

By: Dec 12th, 2017 12:05 am

वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के हजारों नौजवान भारतीय सेना ज्वाइन कर देश की सेवा कर रहे हैं। हर साल प्रदेश से सैकड़ों युवा सेना में भर्ती होते हैं। इनमें से कुछ बतौर सिपाही तो कुछ अफसर के तौर पर आर्मी में तैनाती पाते हैं। इस वर्ष भी कई युवाओं ने सेना में बतौर अधिकारी एंट्री पाई है…

सराहन के ऐश्वर्य कुमार बने अफसर

शिमला – मंडी जिला तहसील करसोग के सराहन गांव के ऐश्वर्य कुमार चौहान सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। लेफ्टिनेंट बनकर ऐश्वर्य ने न केवल अपने इलाके का नाम रोशन किया है, बल्कि अपने बचपन का सपना भी साकार किया है। ऐश्वर्य ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा से पूरी की है। इसी दौरान उन्होंने एनडीए की तैयारी की और वर्ष 2013 में एनडीए में चयनित हुए। नौ दिसंबर को इंडियन मिलिट्री अकादमी से पास आउट होकर ऐश्वर्य लेफ्टिनेंट बने हैं। ऐश्वर्य ने बताया कि उनका बचपन से ही यह सपना था कि वह सेना में जाकर देश की सेवा करें। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, जिसमें उनके परिवार ने उन्हें पूरा सहयोग दिया। ऐश्वर्य ने इस सफलता का श्रेय माता सावित्री देवी चौहान और पिता प्रताप सिंह चौहान के साथ ही बहन साक्षरता चौहान और अमिता भारद्वाज को दिया है।

चैतन्य ने बीटेक छोड़ भारतीय सेना चुनी

योल – व्यावसायी परिवार से संबंधित योल के चैतन्य चड्डा ने अपने परिवार के कारोबार को छोड़कर भारतीय सेना को चुना और अब वह इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। चैतन्य की इस कामयाबी से पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा है। नौ दिसंबर को बिहार में आयोजित पासिंग आउट परेड में चैतन्य यह उपलब्धि पाई। जानकारी के अनुसार चैतन्य के पूर्वज पाकिस्तान से आकर योल में बसे थे। इसी परिवार के संजय चड्डा व रजनी चड्डा के घर जन्मे चैतन्य ने आधुनिक स्कूल सिद्धवाड़ी से बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके पश्चात चैतन्य ने बीटेक करने की सोची, लेकिन बाद में उन्होंने कमीशन पास किया और ओटीए के माध्यम से दो वर्ष तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। अब वह सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। चैतन्य की तैनाती गुवाहाटी में हुई है।

सच हुआ साहिल चौधरी का सपना

नूरपुर – हलके के गांव सदवां के साहिल चौधरी ने सेना में लेफ्टिनेंट बन कर अपने  क्षेत्र का नाम रोशन किया है। साहिल चौधरी के पिता सुरेंद्र चौधरी एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया में दिल्ली में कार्यरत हैं। सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि साहिल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल फरीदाबाद में हासिल की और फिर नोयडा से एमटेक की डिग्री हासिल की। उन्होंने कहा कि साहिल को बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का शौक था। उनकी माता अनीता चौधरी ने उनके शौक को पूरा करने में अहम योगदान दिया है। अब उन्होंने लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है। साहिल चौधरी ने बताया कि वह सेना में जाना चाहते थे व आज उनका सपना पूरा हुआ है। साहिल चौधरी के पिता सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि अभी वह दिल्ली में है व जल्द ही सारा परिवार अपने पैतृक गांव सदवां आ रहा है।

प्रशांत ने रोशन किया माता-पिता का नाम

लडभड़ोल – क्षेत्र के गोरा गांव के प्रशांत ठाकुर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। नौ दिसंबर को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड में माता-पिता के हाथों कंधों पर स्टार लगाकर प्रशांत ठाकुर ने जहां अपने क्षेत्र का नाम ऊंचा किया, वहीं अपने परिवार का भी मान बढ़ाया। प्रशांत ठाकुर की माता नीलम ठाकुर गृहिणी हैं और पिता प्यार चंद बीएसएफ से सेवानिवृत्त हुए हैं। प्रशांत ठाकुर अपने परिवार में पहले सैन्य आफसर बने हैं। प्रशांत ठाकुर ने बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखा था, जो अब पूरा हो गया है। प्रशांत ठाकुर के पिता प्यार चंद ठाकुर ने बताया कि प्रशांत ठाकुर की प्राथमिक शिक्षा हरिगंगा नंदन पब्लिक स्कूल लडभड़ोल से हुई है, जबकि जमा दो की शिक्षा दिल्ली में पूरी की। इसके बाद प्रशांत ने गे्रजुएशन राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला से की। प्रशांत ठाकुर की इस सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया।

लेफ्टिनेंट विशाल का जोरदार स्वागत

ऊना – ग्राम पंचायत भाखड़ा के विशाल चंदेल सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। इस तरह विशाल चंदेल ने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। विशाल चंदेल नौ दिसंबर को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पासआउट होने के बाद लेफ्टिनेंट बने हैं। उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई कृष्णा मॉडल स्कूल दिल्ली से तथा जमा दो की पढ़ाई राव मान सिंह पब्लिक स्कूल नजफगढ़ नई दिल्ली से पूरी की है। इसके बाद विशाल चंदेल ने करोड़ीमल्ल कालेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी केमिस्ट्री ऑनर्स में की है। एमएससी फर्स्ट ईयर आईआईटी रोपड़ पंजाब से किया है। वहीं, अब सेना में लेफ्टिनेंट बनकर उन्होंने परिजनों का सपना भी साकार किया है। विशाल चंदेल का जन्म छह अक्तूबर, 1994 को जिला बिलासपुर के भाखड़ा गांव में हुआ। पिता जोगिंद्र सिंह चंदेल एम्स दिल्ली में सहायक सुरक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं, जबकि माता नरेश कुमारी गृिहणी हैं। उधर, गांव पहुंचने पर विशाल चंदेल का लोगों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान कैप्टन ओंकार सिंह, प्रधान भाखड़ा पंचायत प्रभात चंदेल, पूर्व प्रधान सुनीता देवी, भाखड़ा स्कूल प्रबंधन समिति प्रधान भूपिंद्र सिंह, राजेश चौधरी, धनी राम चंदेल, बलवान सिंह, ओंकार सिंह जसवाल, अमरीक सिंह चंदेल, हरदयाल सिंह, राजीव चंदेल, सुमित चंदेल, हर्षवर्धन सहित अन्य लोेग मौजूद थे।

रैत के आशीष बधान फौज में अफसर

धर्मशाला – जिला कांगड़ा के रैत गांव के आशीष बधान के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर क्षेत्र में खुशी का माहौल है। रैत में नरेश कुमार बधान के घर 21 जुलाई, 1995 को जन्मे आशीष ने पांचवीं तक की पढ़ाई सेक्रेड हार्ट स्कूल सिद्धपुर (धर्मशाला) से की। सैनिक स्कूल, सुजानपुर टीहरा से जमा दो परीक्षा पास करने के बाद उनका चयन टेक्निकल एंट्री स्कीम (टीईएस) में हुआ। एक साल की बेसिक ट्रेनिंग आफिसर प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) गया (बिहार) में करने के उपरांत तीन साल की टेक्निकल एवं मिलिट्री ट्रेनिंग, कैडेट्स ट्रेनिंग विंग मिल्ट्री कालेज ऑफ टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (एमसीटीई) महू (मध्य प्रदेश) से की। उनके पिता नरेश कुमार बधान कृषि विभाग में अधिकारी हैं व माता गायत्री देवी अध्यापिका हैं।

ज्वालामुखी के अपूर्व सैन्य अधिकारी

देहरा – ज्वालामुखी के अपूर्व जोशी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने का गौरव प्राप्त किया है। आफिसर ट्रेनिंग अकादमी गया में नौ दिसंबर को आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड में उन्होंने यह गौरव हासिल किया। अपूर्व जोशी ने डीएवी स्कूल भडोली से 2013 में जमा दो की परीक्षा पास की। इसके उपरांत सेना की टीईएस योजना के तहत भारतीय सेना में प्रवेश पाया व अब लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया। भारतीय सेना में कमीशन के बाद अपूर्व जोशी एक वर्ष तक सिकंदराबाद में व उसके बाद भारतीय सेना की तीन सिख लाइट इन्फेंटरी बटालियन में अपनी सेवाएं देंगे। अपूर्व जोशी के पिता सरकारी ठेकेदार व पत्रकार और माता डीएवी स्कूल में अध्यापिका के तौर पर कार्यरत हैं। अपूर्व जोशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व शिक्षकों को दिया है।

गोरखा रेजिमेंट ज्वाइन करेंगे ऋषभ

धर्मशाला – पर्यटक नगरी धर्मशाला फरसेटगंज के ऋषभ सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। सेना में लेफ्टिनेट बने ऋषभ गोरखा रेजिमेंट-1 (4) जीआर में बतौर टेक्निकल आफिसर सेवाएं प्रदान करेंगे। ऋषभ के पिता मौजूदा समय में भारतीय सेना की गोरखा रेजिमेंट में बतौर ब्रिगेडियर सेवाएं दे रहे हैं, जबकि माता अंजु राणा एक गृहिणी हैं। गया में आयोजित पासिंग आउट परेड में ऋषभ के पिता ब्रिगेडियर राकेश सिंह राणा और माता अंजु राणा विशेष रूप से मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार ऋषभ  ने  देश भर के विभिन्न स्थानों पर पोस्टिंग के दौरान अपनी पढ़ाई पूरी की। ऋषभ ने अधिकतर पढ़ाई जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में की। इस दौरान ऋषभ ने भी सेना में जाकर ही देश सेवा करने की ठान ली। पासिंग आउट परेड के बाद अब ऋषभ ने लेफ्टिनेंट के रूप में गोरखा रेजिमेंट में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। ऋषभ के सेना में लेफ्टिनेंट बनने से उनके ताया एडवोकेट एवं फरसेटगंज वार्ड नगर निगम धर्मशाला के पार्षद आरएस राणा और रणवीर सिंह राणा ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि अपने पिता से ही देश सेवा की प्रेरणा लेकर ऋषभ ने भारतीय सेना ज्वाइन की है।

सुनील जोशी को बधाई देने वालों की भीड़

कुनिहार – कुनिहार के रहने वाले सुनील जोशी ने प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। सुनील ने भारतीय सेना अकादमी देहरादून से लेफ्टिनेंट का प्रशिक्षण पूरा किया तथा अब वह बतौर सैन्य अधिकारी अपनी सेवाएं देंगे। सुनील के सेना अधिकारी बनने के बाद उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। शनिवार को भारतीय सेना अकादमी देहरादून में एक भव्य समारोह में उनके माता-पिता व नाना-नानी ने कंधे पर सितारे लगाए। सुनील ने सोलन से जमा दो स्कूल करने के पश्चात 2005 में सोलन कालेज से ग्रेजुएशन की।  सुनील ने एमएससी की डिग्री 2008 में पूरी की। वह सेना में बतौर सिपाही भर्ती हुए। सुनील का बचपन से ही सेना में जाने का सपना था। इसके बाद उन्होंने कमीशन प्राप्त किया। देहरादून आकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के बाद पर अपनी सेवाएं देंगे। सुनील के पिता लक्ष्मी राम जोशी भी एसएसबी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जबकि माता निर्मला जोशी गृहिणी है। सुनील के नाना बाबू राम शर्मा भी सेना से ही  कैप्टन रिटायर्ड हैं।


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