भाजपा जीती, धूमल हारे

By: Dec 19th, 2017 12:10 am

भगवा दल के सीएम उम्मीदवार के साथ पार्टी अध्यक्ष सत्ती भी हारे; कांग्रेस से कौल सिंह, बाली, सुधीर, भरमौरी, प्रकाश पिटे

शिमला – 40 दिन के लंबे इंतजार के बाद हिमाचल में अंततः परिवर्तन की लहर में भाजपा की बारात तो निकली, मगर बिना दूल्हे की। सुजानपुर से पूर्व मुख्यमंत्री, प्रतिपक्ष के नेता व भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार प्रो. प्रेम कुमार धूमल व ऊना से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती की हार ने सभी को चौंका दिया। भाजपा को 44 सीटों पर विजय हासिल हुई है, जबकि कांग्रेस को 21 और आजाद तीन सीटों पर विजयी हुए हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह अपने-अपने चुनाव जीत गए हैं। इस चुनाव में वीरभद्र मंत्रिमंडल के तीन ही मंत्री जीत पाए हैं। इनमें मुकेश अग्निहोत्री, सुजान सिंह पठानिया और कर्नल धनीराम शांडिल शामिल हैं। अप्रत्याशित चुनाव नतीजों में सात बार विधानसभा चुनाव जीत चुके कौल सिंह ठाकुर को द्रंग में हार का सामना करना पड़ा है। कयासों के ही अनुरूप नगरोटा से कांग्रेस के भावी मुख्यमंत्री बताए जाते रहे जीएस बाली को भाजपा के प्रत्याशी अरुण कुमार कूका ने हरा दिया है। यही नहीं, धर्मशाला से शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को भी पराजय का सामना करना पड़ा है। भरमौर से ठाकुर सिंह भरमौरी और बल्ह से प्रकाश चौधरी भी चुनाव हार गए हैं। सोमवार सुबह आठ बजे जैसे ही मतगणना शुरू हुई  भाजपा ने बढ़त बनानी शुरू कर दी थी, जो अंत तक जारी रही। हालांकि उसके दिग्गज प्रो. प्रेम कुमार धूमल, जोगिंद्रनगर से पूर्व लोक निर्माण मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर, पूर्व आईपीएच मंत्री व मौजूदा विधायक रविंद्र सिंह रवि पिछड़ते रहे। पूरी पार्टी के लिए जबरदस्त धक्का तब पहुंचा, जब सतपाल सिंह सत्ती लगातार मतगणना में पिछड़ते रहे। शुरुआती दौर से अंत तक उनका 2000 मतों का अंतर खत्म नहीं हो सका। उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी सतपाल रायजादा ने पराजित किया। भाजपा के लिए प्रो. धूमल व सतपाल सिंह सत्ती जैसे नेताओं की हार किसी बड़े आघात से कम नहीं मानी जा रही। वह भी ऐसे में जब प्रो. धूमल को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिरमौर जिले के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया था। कुछ चैनलों के सर्वे में भी प्रो. धूमल को मुख्यमंत्री के लिए बेहतरीन उम्मीदवार बताया गया, मगर विडंबना देखिए कि धूमल को उन्हीं के चेले कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने पराजित कर दिया।

नाम नहीं, काम की हुई जीत

सुजानपुर से चुनाव जीतने वाले राजेंद्र राणा ने इस जीत पर चुटकी लेते हुए कहा कि एक तरफ प्रो. धूमल जैसे दिग्गज नेता का नाम था, वहीं सुजानपुर में उनका काम था। वह ताउम्र सुजानपुर के बहनों-भाइयों के आभारी रहेंगे, जिन्होंने उन्हें यह एक नायाब तोहफा दिया है।

कुड़म-कुड़म हारे

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि एक तरफ प्रो. धूमल सुजानपुर से हारे, वहीं उनके समधि गुलाब सिंह ठाकुर, जो सांसद अनुराग ठाकुर के ससुर हैं, जोगिंद्रनगर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

सुक्खू को नादौन से संजीवनी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को नादौन से जीत हासिल हुई है। यह विजय उनके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं कही जा सकती। वह भी ऐसे में, जब संगठन के चुनाव सिर पर हों और उन्हें सरकार व संगठन के बीच घेराबंदी का सामना करना पड़ रहा हो।

व्यक्तिगत हार ज्यादा मायने नहीं रखती। राज्य में भाजपा की जीत हुई है, यह ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। मैं राज्य की जनता को भाजपा को वोट करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। राजनीति में कभी कोई जीतता है, कभी कोई हारता है। मैं हार की अपेक्षा नहीं कर रहा था, इसका विश्लेषण करूंगा

प्रेम कुमार धूमल

मैं कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी अपने सिर लेता हूं। कहीं न कहीं कोई कमी रही होगी, जिस वजह से कांग्रेस रिपीट नहीं कर पाई। इसकी वक्त आने पर समीक्षा की जाएगी। प्रादेशिक विकास में संसाधनों की कमी जरूर रही, लिहाजा कहीं न कहीं दिक्कतें भी हो सकती हैं

वीरभद्र सिंह


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App