मिसाल बना तोहू गांव

By: Dec 1st, 2017 12:05 am

(कर्म सिंह ठाकुर, सुंदरनगर, मंडी)

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्पष्ट किया कि यूरिया के अत्यधिक इस्तेमाल से भूमि की उर्वरा क्षमता प्रभावित हुई है तथा उत्पादों की गुणवत्ता में भी गिरावट आई है। उन्होंने हमीरपुर के तोहू गांव के किसानों द्वारा मिट्टी की जांच और विशेषज्ञों से परामर्श करके यूरिया के उपयोग को बंद करने के प्रयासों को भी सराहा है। जैविक खाद के उपयोग को तवज्जो देकर तोहू गांव ने जिस तरह से अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है, इसने देश और प्रदेश के समक्ष एक नई मिसाल पेश की है। प्रधानमंत्री द्वारा किसानोें का हौसला बढ़ाना प्रशंसनीय कदम है। इससे किसानों का मनोबल बढ़ेगा और वे कृषि क्षेत्र में सुधारों के जरिए विकास में भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध होंगे। इससे पूरे देश के किसानों में सकारात्मक संदेश जाएगा। देश का अन्नदाता अपनी फसल को जैविक खेती की तरफ ले जाएगा। देश का किसान समृिद्ध व खुशहाली के मार्ग में देश को नई राह दिखाने में सक्षम है। गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का लक्ष्य जैविक खेती से ही प्राप्त किया जा सकता है। आज का किसान उत्पादन को बढ़ाने के लिए अंधाधुंध यूरिया, स्प्रे व रसायनों का इस्तेमाल करता है। इससे जहां भूमि की उर्वरा क्षमता क्षीण हो रही है, वहीं उपभोक्ता बीमारियों की चपेट में आ रहा है। देश व प्रदेश के लिए यह घातक स्थिति है। इस समस्या का समाधान जैविक खेती व्यवस्था द्वारा ही निकाला जा सकता है। सिक्किम जैसे राज्य ने अपनी खेती व्यवस्था में पूर्ण रूप से जैविक खेती को अपनाकर अन्य राज्यों के लिए मिसाल पेश की है। खेती की इस पद्धति को देश के अन्य भागों के किसानों द्वारा अपनाकर देश के बेहतर स्वास्थ्य में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। प्रदेश के किसानों को अपनी भूमि की उर्वरा क्षमता की जांच करके शत-प्रतिशत जैविक खेती के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाने चाहिएं।


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