साल से लटका सोलर स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट

By: Dec 11th, 2017 12:02 am

ऊर्जा मंत्रालय के पास लंबित पड़ी योजना आज तक नहीं हुई मंजूर

शिमला— सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की बात कर रही केंद्र सरकार हिमाचल को उसकी मांग के अनुरूप सोलर स्ट्रीट लाइट की खेप नहीं दे रही है। करीब एक साल से केंद्रीय नव एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के पास लंबित पड़ा प्रोजेक्ट आज तक मंजूर नहीं हो सका है। हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगवाने के लिए केंद्र से लगभग 50 हजार लाइट्स की डिमांड रखी है, लेकिन वहां से एक भी लाइट मंजूर नहीं हुई। ऐसे में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के केंद्र सरकार के दावे भी खोखले साबित होने लगे हैं। प्रदेश में बेशक सौर ऊर्जा उत्पादन की उतनी क्षमता नजर नहीं आती है, परंतु स्ट्रीट लाइट्स की बात करें, तो यहां पर उसकी उपयोगिता काफी मानी जा रही है। इससे पहले भी हजारों की संख्या में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा चुकी हैं, जो कि बेहतर तरीके से काम कर रही हैं। इसके आधार पर यहां पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर हिम ऊर्जा को भेजे हैं, क्योंकि केंद्र से सबसिडी के आधार पर ये लाइटें दी जा रही थीं। करीब एक साल से अनगिनत पंचायतों के ऐसे कई प्रस्ताव हिम ऊर्जा के पास लंबित पड़े हैं, जिनकी डिमांड पर एक भी सोलर स्ट्रीट लाइट नहीं मिल पाई है। कई पंचायतें बिलिंग नहीं कर पा रही हैं, जिस कारण पंचायतों में स्ट्रीट लाइटों की बत्तियां भी गुल हैं। ऐसे में सोलर स्ट्रीट लाइट उपयोगी साबित हो रही है, क्योंकि उसका कोई खर्चा नहीं है। पंचायतें कुछ राशि देकर यह लाभ ले सकती हैं, जिसमें 90 फीसदी की हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होती है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की पंचायतें इस लाभ को लेने से वंचित रह रही हैं। राज्य में चुनाव के बाद अब नई सरकार का गठन होना है और अब नई सरकार के माध्यम से ही केंद्र से इस मुद्दे को फिर से उठाया जाएगा।

50 हजार लाइट्स की डिमांड

हिम ऊर्जा ने प्रदेश के लिए लगभग 50 हजार सोलर स्ट्रीट लाइट्स मंजूर करने के लिए प्रस्ताव भेज रखा है। इस पर नव एवं नवीकरणीय मंत्रालय ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। तीन दफा उनको रिमाइंडर भेजकर भी इस मांग को उठाया गया है, लेकिन इसको पूरा नहीं किया गया है।


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