सूर्य मंदिर

By: Dec 9th, 2017 12:07 am

तालाब के बीचोंबीच बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय मंदिर तिरुपति बालाजी के मंदिर की तर्ज पर तिरुपति के ही कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। जिससे इस मंदिर के निर्माण पर भारी लागत आई है। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण पर लगभग एक करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि खर्च हुई है। इस मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की प्रतिमा जयपुर से मंगाई गई है, जिस पर लाखों की लागत आई है…

भोजपुर जिले में वैसे तो कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी ख्याति पूरे विश्व में फैली हुई है, लेकिन एक मंदिर ऐसा है जिसका निर्माण हाल ही के दिनों में हुआ और अद्भुत ख्याति प्राप्त करने के मामले में सबसे प्रमुख सूर्य मंदिरों में से एक रहा। जी हां, यहां बात हो रही है नगर पंचायत बिहिया के जज बाजार में स्थित छठ तालाब के बीचोंबीच बने भव्य सूर्य मंदिर की। यह मंदिर प्रत्येक छठ पूजा में छठव्रतियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। तालाब के बीचोंबीच बना यह मंदिर दक्षिण भारतीय मंदिर तिरुपति बालाजी के मंदिर की तर्ज पर तिरुपति के ही कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। जिससे इस मंदिर के निर्माण पर भारी लागत आई है। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण पर लगभग एक करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि खर्च हुई है। इस मंदिर में स्थापित भगवान भास्कर की प्रतिमा जयपुर से मंगाई गई है, जिस पर लाखों की लागत आई है। पश्चिमविमुखी भगवान भास्कर की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा विगत 25 जनवरी, 2014 को विशाल यज्ञ आयोजित कर की गई थी। भगवान भास्कर छठ पूजा के समय सभी के लिए प्यारे होते हैं। भगवान भास्कर का अर्थ है कि सृष्टि की सूर्य के बिना कल्पना नहीं की जा सकती। बिहिया में यह उत्साह और बढ़ जाता है जब घाट के किनारे पर हजारों भक्त बैठते हैं और पूजा करते हैं। छठ पूजा में मंदिर की साज-सज्जा, लाइटिंग व फूलों की सजावट मंदिर के सौंदर्य और खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं, जो बरबस ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आर्कषित कर लेता है। श्रद्धालु समेत अन्य लोग यादगार के तौर पर इस मंदिर की खूबसूरती को अपने कैमरों में कैद कर लेते हैं तथा सेल्फी खींचने की भी होड़ मची रहती है। नगर के इस प्रमुख छठ तालाब पर लगभग 20 हजार की आबादी छठ पूजा करने आती है, जिससे तालाब पर भारी भीड़ उमड़ी रहती है। बताया जाता है कि बिहिया में स्थापित इस भव्य सूर्य मंदिर जैसा कोई भी मंदिर पूरे क्षेत्र में नहीं है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भी इस मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। झिलमिलाते दीपों के कारण तालाब की अलौकिक छटा देखते ही बनती है। इस कार्यक्रम के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं। तालाब के भीतर बने इस मंदिर की शोभा देखने योग्य है। लोगों की इस मंदिर में गहरी आस्था व श्रद्धा है। मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति बहुत सुंदर है।


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