उभरती अर्थव्यस्थाओं वाले देशों में पिछड़ा भारत

By: Jan 23rd, 2018 12:03 am

डब्ल्यूईएफ ने ‘समावेशी वृद्धि सूचकांक’ की रिपोर्ट में दिया 62वां स्थान, पाकिस्तान आगे

दावोस— सरकार के विकास के तमाम दावों के बावजूद ‘समावेशी वृद्धि सूचकांक’ में भारत  पाकिस्तान से भी पीछे है। स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में आयोजित  होने जा रहे विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन के अवसर पर उसकी ओर से जारी ‘समावेशी वृद्धि सूचकांक’ की सालाना रिपोर्ट में उभरती अर्थव्यस्थाओं वाले देशों की सूची में भारत को पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से भी नीचे 62वें स्थान पर रखा गया है। इसमें चीन 26वें और पाकिस्तान 47वें स्थान पर, जबकि लिथुआनिया जैसा छोटा सा देश शीर्ष पर है। दूसरी और आर्थिक रूप से विकसित देशों की श्रेणी में नार्वे पहले नंबर पर है। वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने सोमवार को अपनी सालाना बैठक शुरू होने से पहले यह सूची जारी की। नॉर्वे दुनिया की सबसे समावेशी आधुनिक विकसित अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वहीं लिथुआनिया उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर है। डब्ल्यूईएफ की बैठक में इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप सहित दुनिया के कई शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं। डब्ल्यूईएफ ने कहा कि इस सूचकांक में रहन सहन का स्तर, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊपन और भविष्य की पीढि़यों को और कर्ज के बोझ से संरक्षण आदि पहलुओं को शामिल किया जाता है। डब्ल्यूईएफ ने विश्व नेताओं से कहा कि वे तेजी से समावेशी वृद्धि और विकास के नए माडल की ओर बढ़ें। मंच ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर उपलब्धि हासिल करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर निर्भरता बढ़ने से असमानता की स्थिति पैदा हो रही है। भारत पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 60वें स्थान पर था, जबकि चीन 15वें और पाकिस्तान 52वें स्थान पर था। वर्ष 2018 के इंडेक्स में 103 अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति की आकलन तीन निजी स्तंभों….वृद्धि एवं विकास, इन्क्लूजन और इंटर-जनरेशनल इक्विटी के आधार पर किया गया है। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है।

विश्व आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे मोदी

Indian Prime Minister Narendra Modi speaks during a meeting with President Donald Trump in the Oval Office of the White House in Washington, Monday, June 26, 2017. (AP Photo/Evan Vucci)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वार्षिक 48वें विश्व आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को यहां स्विस अल्पाइन रिजॉर्ट पहुंचे। श्री मोदी गत दो दशक के दौरान इस सम्मेलन में भाग लेने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने 1997 में विश्व के शीर्ष व्यवसायियों तथा राष्ट्र प्रमुखों के इस प्रतिष्ठकत सम्मेलन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री मंगलवार को सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रमुख वक्ता होंगे। विश्व आर्थिक फोरम के कार्यकारी अध्यक्ष और संस्थापक प्रो. कलौस स्क्वाब उद्घाटन सत्र का संचालन करेंगे। इस वर्ष सम्मेलन का विषय ‘विभाजित विश्व में साझा भविष्य का निर्माण’ है। योग सत्र और उत्तम भारतीय व्यंजन भी सम्मेलन में आकर्षण का केंद्र होंगे। अभिनेता शाहरुख खान की वार्षिक क्रिस्टल पुरस्कार के लिए मौजूद रहेंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक श्री मोदी स्विस महासंघ के अध्यक्ष एलैन बर्सेट के साथ द्वीपक्षीय बातचीत करेंगे।


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