ऐसे करें शिशु की देखभाल

By: Jan 13th, 2018 12:05 am

सर्दियों के मौसम में हर किसी को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। सर्दी का मौसम आते ही सर्दी, जुकाम जैसी समस्या देखने को मिलती हैं। ऐसी समस्या न हो इसके लिए हर उम्र के लोगों को अपना खास ख्याल रखना होता है, लेकिन जो नवजात शिशु  और छोटे बच्चे होते हैं, उनका इस मौसम में बहुत ही ध्यान रखना पड़ता है। सर्दियों के दिनों में अकसर लोग अंदर ही रहना पसंद करते हैं, लेकिन वो इस बात को नहीं जानते कि ऐसे में बीमारियों के फैलने की आशंका अधिक होती है। सर्दी का मौसम आते ही अकसर माताएं अपने बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए उनकी छाती को भारी ऊनी कपड़ों के साथ ढंक देती हैं, लेकिन वो हाथों और पैरों को अच्छे से नहीं ढंक पाती हैं। जिसके कारण बच्चों को ठंड लगने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि बच्चों को ठंड छाती के जरिये लगती हैं, लेकिन यह बात गलत है जबकि सत्य बात यह है कि बच्चों को ठंड लगने का मुख्य कारण उनके पैर और सिर होता है। इतना ही नहीं छाती को अधिक ढकना उनके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। सर्दियां शुरू होते ही बच्चों में सर्दी, खांसी की समस्या होना आम है, लेकिन पिछले कई सालों में सर्दियों में कई नई-नई बीमारियों ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं, जिस कारण बच्चों की अतिरिक्त देखभाल करना जरूरी है। क्योंकि बच्चे अपनी समस्या सही तरीके से बता नहीं पाते हैं और उनके उपचार के दौरान उनसे परहेज कराना भी बड़ा मुश्किल काम होता है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा से जुड़े टिप्स की ये जानकारी आपके लिए ठंड के मौसम में काफी फायदेमंद रहेगी।

सतर्क रहें

ठंड में बीमारियां  कब अपने पैर पसारना शुरू कर देती हैं मालूम ही नहीं पड़ता। ऐसे में सतर्कता ही इन बीमारियों से बचने का बेहतर उपाय है। ठंड से बचाने के लिए बच्चों को अच्छे से कवर करके रखें और उनके खान-पान में गर्म और इम्युनिटी बढ़ाने वाली डाइट को महत्त्व दें। इसके अलावा भी कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं जैसे, हाइजीन का खास ध्यान रखा जाए, दिन में कई बार बच्चों को हाथ धोने की आदत डलवाएं, अधिक से अधिक पेय और गर्म पेय का सेवन कराएं।

बीमारियों से दूर रखें

इसके अलावा इंफ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू की वैक्सीन भी बच्चों को जरूर दें, जिससे वह इस मौसम में बीमारियों से दूर रहें। फ्लू की वैक्सीन ठंड शुरू होने के दौरान ही लगवा दें।

खान-पान का ध्यान रखें

ठंड की खासियत है कि इसमें हर तरह के खाद्य पदार्थ और सब्जियां मिलती हैं। इस मौसम का ये फायदा उठाने से चूकिए मत और अपने बच्चे को खूब सारी हरी-हरी सब्जियां खिलाएं।

दवा का ध्यान रखें

बच्चों की शरीर की जरूरतें, बड़ों की तुलना में अलग होती हैं। ऐसे में उनकी समस्या का खुद उपचार करने के बजाय डाक्टर के इलाज को तरजीह दें। सर्दी, खांसी के लिए अपनी समझदारी से सिरप, दवा या नेजल ड्रॉप दे सकती हैं, लेकिन सर्दी,खांसी बढ़ने लगे तो तुरंत डाक्टर के पास जाएं।

सनस्क्रीन लगाएं

ठंड में सबसे ज्यादा मजा आता है धूप में बैठने और खेलने में, लेकिन इसका नुकसान होता है कि त्वचा डल हो जाती है। तो अपने बच्चे को धूप में बैठाने से पहले उसको सनस्क्रीन लगाना न भूलें क्योंकि उनकी स्किन आपसे भी ज्यादा नाजुक होती है।

किसी ऊबड़-खाबड़ जगह पर चलने या गड्ढे में अचानक से पैर आने पर मोच या फिर अंदरूनी चोट आ जाती है। मोच आने से उस अंग पर सूजन आ जाती है और काफी दर्द होने लगता है। इस दर्द का सही तरीके से अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि यह दिखाई तो नहीं देती, लेकिन महसूस बहुत होती है। इसलिए हमें मोच या चोट आने पर तुरंत इसे ठीक करने के लिए प्राथमिक उपचार करना चाहिए। चलिए आपको बताते है कि ऐसी स्थिति में कुछ घरेलू उपचार के जरिये कैसे मोच  एवं सूजन को दूर कर सकते हैं।

अंदरूनी चोट को ठीक करने के उपाय

* अगर आपको लकड़ी, पत्थर लगने से सूजन आई है तो इसके लिए आप हल्दी एवं खाने का चूना एक साथ पीसकर गर्म लेप लगाएं अथवा इमली के पत्तों को उबालकर बांधने से भी सूजन उतर जाती है।

* कभी-कभी कठिन व्यायाम करने पर भी अचानक से मोच आ जाती है। इसके लिए अरनी के उबाले हुए पत्तों को किसी भी प्रकार की सूजन पर बांधने से काफी आराम मिलता है।

* मोच या चोट के कारण यदि खून जम गया हो एवं गांठ पड़ गई हो, तो बट के पेड़ के कोमल पत्तों पर शहद लगाकर बांधने से लाभ होता है।

* मोच के कारण आई सूजन के दूर करने के लिए गुनगुने पानी में फिटकरी मिलाकर चोट वाले हिस्से पर सिंकाई करें।

* सीढि़यों से अचानक पैर फिसल जाने के कारण भी अकसर लोगों को चोट व मोच आ जाती है । सरसों और हल्दी को गर्म करके उसे मोच वाले स्थान पर लगाएं और उस पर एरंड के पत्ते को रखकर पट्टी बांध दें।


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