फिल्म में बवाल लायक कुछ भी नहीं

By: Jan 28th, 2018 12:10 am

बालीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म पद्मावत शुक्रवार को रिलीज हो गई है। एक अवार्ड समारोह में अपनी पत्नी मीरा राजपूत के साथ पहुंचे शाहिद कपूर ने पहली बार फिल्म को लेकर खुलकर बात की और कहा कि ‘पद्मावत’ में जिस तरह राजपूतों का महिमामंडन किया गया है, उनके सम्मान और परंपरा का गुणगान किया गया है, राजपूतों का इससे अच्छा और बेहतर महिमामंडन नहीं किया जा सकता है।

शाहिद कहते हैं, फिल्म रिलीज हो गई है,पहले राउंड में कुछ लोगों ने फिल्म देखी है, फिल्म समीक्षकों का प्यार भी हमें मिल रहा है। ‘पद्मावत’ के लिए बहुत ही लंबा इंतजार रहा है और अब इस लंबे इंतजार के बाद लोगों का जो प्यार मिल रहा है, उससे हम सभी बेहद उत्साहित हैं। जिन लोगों ने अब तक फिल्म देखी है उनकी प्रतिक्रिया हमें ट्विटर पर देखने को मिली है, हम सभी का धन्यवाद करते हैं। इस तरह की मिल रही प्रतिक्रिया से बहुत संतुष्टि मिल रही है, हम सभी बेहद खुश और उत्साहित हैं। अभी तक जो भी रिस्पांस मिला है वह बेहद पॉजिटिव है अब हमें दर्शकों की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार है।

राजपूत संगठनों के लगातार जारी विरोध पर शाहिद कहते हैं, हम बार-बार यही कह रहे हैं कि हमें अपनी फिल्म को दिखाने का मौका दें, बिना देखे फिल्म के बारे में कोई धारणा न बनाएं और दर्शकों से निवेदन है कि जो लोग बिना फिल्म देखे ही अपनी बात कह रहे हैं उनकी बात न मानें। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी यही आदेश दिया है कि पूरे देश में फिल्म रिलीज होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ  ‘पद्मावत’ के लिए नहीं बल्कि हर फिल्म के लिए कहा है कि फिल्मों को बैन नहीं किया जाना चाहिए, इसी बात को लेकर आने वाले मार्च महीने में वह और भी गंभीरता से निर्णय लेंगे।

 ‘पद्मावत’ के बारे में ऐसी 10 बातें, जो सिनेमा हॉल से बाहर आकर जो आपके दिल और दिमाग पर बार-बार दस्तक देंगी। सबसे पहले तो आपके मन में यह बात कौंधेगी कि आखिर इस फिल्म पर इतना विवाद हो क्यों रहा है, जबकि फिल्म में तो वैसा कुछ भी नहीं है।

शाहिद कपूर ने महाराजा रावल रतन सिंह के किरदार के साथ न्याय किया है। वह शुरू से अंत तक शालीन नजर आए, लेकिन एक किरदार जो पूरी फिल्म को अपने कब्जे में करता है वह है अलाउद्दीन खिलजी यानी रणवीर सिंह। रणवीर असल जिंदगी में भी जिस कद्र एनर्जी से भरपूर हैं। शुरू से अंत तक एक सनकी, विलासी, व्यभिचारी और कुंठित मानसिकता जैसे लक्षणों को जीवंत करने में रणवीर ने जान लड़ा दी है।

ऐसा आरोप था कि ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करके पद्मावती को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है इस फिल्म में, लेकिन सच यह है कि यह फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी की 1540 में लिखी ‘पद्मावत’ पर आधारित है, जो राजपूत महारानी रानी पद्मावती के शौर्य और वीरता की गाथा कहती है।

फिल्म के अंत में महाराज रावल रतन सिंह और अलाउद्दीन खिलजी के बीच तलवारबाजी के सीन में रतन सिंह अपने उसूलों, आदर्शों और युद्ध के नियमों का पालन करते हुए खिलजी को निहत्था कर देते हैं, लेकिन पद्मावती को पाने की चाहत में खिलजी धोखे से रतन सिंह को यह कहकर मार डालता है कि जंग का एक ही उसूल होता है, जीत।

आन-बान-शान की खातिर इसके बाद पद्मावती जौहर के लिए निकलते हुए खिलजी की ख्वाहिशों को ध्वस्त कर देती हैं और यही फिल्म की कहानी है।

फिल्म के हर सीन में सिर से पांव तक ढकीं नजर आई हैं दीपिका पादुकोण, अपने चेहरे के हाव-भाव और खासतौर से आंखों के जरिए जो दमदार अभिनय किया है, वह सराहनीय है।

चाहे प्यार हो या गुस्सा, हर तरह का इमोशन तुरंत दीपिका की बड़ी-बड़ी आंखों से साफ  महसूस किया जा सकता है। 30-30 किलो के खूबसूरत लहंगों, भारी गहनों और खासतौर पर नाक की नथ में दीपिका खूब जमी हैं।

सजी-धजी दीपिका की मौजूदगी को पूरे स्क्रीन पर इस कद्र दिखाया गया है कि आसपास सब कुछ बौना नजर आता है। इस फिल्म में खिलजी और पद्मावती के बीच न तो कोई ड्रीम सीक्वेंस है और न ही कोई किसिंग सीन।

घूमर डांस में पहले दिखाई गई कमर को डिजिटली ढक दिया गया है और यह फर्क आंखों को महसूस भी नहीं होता। जैसा कि कहा जा रहा था कि फिल्म राजपूती आन, बान और शान का मजाक उड़ाती है, लेकिन सच यह है कि यह फिल्म उन्हें गर्व महसूस कराती है।

फिल्म में राजपूतों को किस तरह दिखाया गया है इस पर शाहिद कहते हैं, हमने फिल्म खूब मेहनत से खून-पसीना बहा कर बनाई है, हमने फिल्म में राजपूतों के सदियों की परंपरा, आन-बान-शान और सम्मान को ध्यान में रखा है, फिल्म में राजपूतों की खूब प्रशंसा की गई है और उनका गौरव दिखाया गया है।

मैंने पहली बार जब फिल्म देखी, तो मेरे हिसाब से फिल्म में राजपूतों को इससे ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जा सकता, लोगों को यही बात ध्यान में रखकर पॉजिटिव होकर फिल्म देखने जाना चाहिए। हम फिल्म को मिले रिव्यू से बहुत खुश हैं।

शाहिद आगे कहते हैं, मैं संजय लीला भंसाली की पद्मावत टीम में नया था इसलिए शुरू से ही बेहद नर्वस था, लेकिन अब जब फिल्म देखने के बाद लोगों का प्यार मिल रहा है तब बहुत साहस मिल रहा है। मैंने जो फिल्म में राजा रावल सिंह का किरदार निभाया है उसके बारे में बहुत कम जानकारी है इसलिए लोग मुझसे शुरू से ही खूब पूछते थे कि आपका रोल क्या है।


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