मंजिल नहीं…बस सफर ही है पत्रकारिता

By: Jan 20th, 2018 12:05 am

अपनी प्रखर लेखनी से सरकार की चूलें हिला देने वाला पत्रकार समाज को आईना दिखाकर सच से रू-ब-रू करवाता है। सरकार और आवाम के बीच की इस कड़ी को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यूं ही नहीं कहते। यह वह सेतू है जो देश और समाज की तरक्की की दिशा और दशा तय करता है। पर क्या बदलते परिवेश और दबाव के बीच पत्रकार कहीं सरकार का ही तो होकर नहीं रह गया है? पत्रकारों की कहानी पत्रकारों की जुबानी आपके सामने ला रहा है प्रदेश का अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’

पत्रकार-सरकार का नाजुक रिशता

सुरेंद्र शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार

समाज के उपेक्षित वर्ग की आवाज को शब्द प्रदान करना पत्रकारिता की मंजिल होनी चाहिए। पत्रकार व सरकार के मध्य बहुत नाजुक रिश्ता होता है। पत्रकार से लोग सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों पर स्पष्ट राय रखने की अपेक्षा रखते है,वहीं सरकार पत्रकारों के माध्यम से अपनी नीतियों व कार्यक्रमों को जनता-जर्नादन तक पहुंचाने का प्रयास करती है। यह रिश्ता पेशेवर पत्रकारिता की जरूरत भी है। पत्रकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होती है,उसके द्वारा लिखे गए समाचार पर सकारात्मक कार्रवाई होना।

समाज में मीडिया की अहम भूमिका

राजेश शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार

अपने-अपने दायरे में रहकर प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से  सूचनाओं का सही संप्रेषण समाज के टारगेट ग्रुप तक पहुंचाना ही पत्रकारिता के लिए मंजिल हो सकती है। सरकार व पत्रकार के मध्य बेहतर तालमेल के साथ-साथ सीधी इंट्रेकशन होनी चाहिए। सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने, इसकी सार्थकता की जांच करने व फीडबैक के बारे में पत्रकार की भूमिका रहती है। पत्रकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि किसी भी न्यूज स्टोरी के टारगेट ग्रुप द्वारा स्वीकार्यकता को माना जा सकता है।

लोगों की आवाज बुलंद करना

राजीव भनोट

वरिष्ठ पत्रकार

जनसमस्याओं को उठाना, लोगों की आवाज को बुलंद करना, जनचेतना फैलाना ही पत्रकारिता की मंजिल होनी चाहिए। पत्रकार व सरकार के मध्य मधुर व कटु संबध रहते है। यह इस प्रोफेशन की खूबसूरती भी है। सरकार को आइना दिखाना पत्रकार का धर्म है। सरकारों को भी पत्रकारों द्वारा की जाने वाली सकारात्मक आलोचना को सही परिप्रेक्ष्य में लेना चाहिए। अगर अपनी कलम से किसी पात्र व्यक्ति की आवाज को सरकार व सिस्टम तक पहुंचाकर समस्या का निदान करवा पाए तो यह किसी भी पत्रकार के लिए  सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।

समाज में सुधार ही उपलब्धि

शशि भूषण पुरोहित

वरिष्ठ पत्रकार

किसी भी उपेक्षित, वंचित, पीडि़त वर्ग की आवाज बनना पत्रकारिता की मंजिल हो सकती है। सटीक व पुष्ट सूचनाओं के संप्रेषण में पत्रकार व सरकार का रिश्ता अहम होता है। हालांकि यह रिश्ता व्यक्तिगत लाभ के लिए न होकर पेशेवर होना चाहिए तथा इसमें एक-दूसरे के लिए सम्मान की भावना जरूर हो। पत्रकार की रचना से यदि समाज व सिस्टम में कुछ सुधार होता है तो पत्रकार इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मान संतोष जाहिर कर सकता है।

यह मात्र प्रोफेशन नहीं

अमित शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार

बेशक मौजूदा दौर में पत्रकारिता एक कैरियर बन चुका है। लेकिन इसके बावजूद पत्रकार के लिए यह मात्र प्रोफेशन नहीं, बल्कि पैशन भी है। निष्पक्ष, निर्भिक पत्रकारिता के लिए असीमित संभावनाएं है। सरकार व पत्रकार के मध्य रिश्ते पेशेवर होने चाहिए। व्यक्तिगत लाभ के लिए पत्रकार को सरकार के साथ अपने संबधों को नहीं भुनाना चाहिए। अपने कार्य से आत्म संतुष्टि का बोध होना ही किसी भी पत्रकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है।

अंतरात्मा को बचाकर रखना

विजय शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार

जिस प्रकार से पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है, उसी प्रकार से पत्रकारिता की मंजिल भी कोई एक पड़ाव नहीं हो सकता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजाना पत्रकार के व्यक्तित्व व प्रतिभा की पड़ताल होती है। पत्रकार व सरकार के मध्य रिश्ता दोनों के लिए अहम है, लेकिन इसमें आत्म सम्मान व गरिमा जरूर बनी रहनी चाहिए। गलाकाट स्पर्घा व पैसे की चमक-धमक के मौजूदा दौर में भी अपनी अंतरात्मा को बचाकर रखना किसी भी पत्रकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।


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