औषधीय पौधों की खेती पर जगाए किसान

By: Feb 21st, 2018 12:05 am

नाहन —नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड के तत्त्वावधान में आयुर्वेद रिसर्च सेंटर पपरोला द्वारा प्रदेश के किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है। रिसर्च सेंटर द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर करीब 72 जागरूकता शिविर आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। स्कूलों में शिविर आयोजित कर बच्चों को भी आयुर्वेद के बारे में जागरूक किया जा रहा है। शिविरों के माध्यम से किसानों को कलस्टर बनाकर खेती करने के लिए जागरूक करने के साथ-साथ विभागीय योजनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की जा रही है। इसी के तहत मंगलवार को नाहन विकास खंड के बनकला व सालवाला में शिविर आयोजित कर लोगों को विभागीय योजनाओं के बारे में जागरूक किया गया। इसके बाद शिलाई विधानसभा क्षेत्र के टिंबी, रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के बेचड़ का बाग, रेणुकाजी व पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के नैनाटिक्कर में शिविर आयोजित किए जाएंगे। सिरमौर जिला के बाद सोलन व शिमला जिला में शिविर आयोजित होंगे। बनकला में आयोजित जागरूकता शिविर में जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. केआर मोगटा, प्रभारी टे्रनिंग प्रोग्राम डा. सुनील पठानिया व वनस्पति विशेषज्ञ डा. मदन कुमार ने लोगों को जानकारी दी। डा. सुनील पठानिया ने कहा कि औषधीय पौधों की खेती के लिए सिरमौर में वातावरण अनुकूल है। यहां पर किसान सफेद मूसली, अश्वगंधा, सर्प गंधा, लेमन ग्रास, मैंथा, पुदीना, एलोविरा, तुलसी सहित अन्य औषधीय पौधों की खेती कर सकते हैं। इससे, जहां किसानों की आय में वृद्धि होगी, वहीं स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। डा. जसप्रीत कौर व फार्मासिस्ट दिनेश कुमार ने भी लोगों को विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। किसानों की मार्केटिंग संबंधी समस्या का समाधान करने के लिए योजना बनाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक किसान औषधीय पौधों की खेती के लिए आकर्षित हो सकें। आयुर्वेद में, जिन औषधीय पौधों की सबसे ज्यादा मांग है इसमें से करीब 70 ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जो हिमाचल प्रदेश में उगाई जा सकती हैं। आयुर्वेद विभाग द्वारा किसानों को औषधीय पौधों की खेती पर अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए जागरूक करने के लिए जिला में छह शिविर आयोजित किए जाएंगे।


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