कालिका सहस्रनाम

By: Feb 17th, 2018 12:05 am

-गतांक से आगे…

सूर्य्यात्मिका रुद्र-पत्नी रौद्री स्त्री प्रकृतिः पुमान्।

शक्तिः सूक्तिर्मति-मती भक्तिर्मुक्तिर् पति-व्रता।। 36।।

सर्वेश्वरी सर्व-माता सर्वाणी हर-वल्लभा।

सर्वज्ञा सिद्धिदा सिद्धा भाव्या भव्या भयापहा।। 37।।

कत्री हत्री पालयित्री शर्वरी तामसी दया।

तमिस्रा यामिनीस्था न स्थिरा धीरा तपस्विनी।। 38।।

चार्वङ्गी चंचला लोल-जिह्वा चारु-चरित्रिणी।

त्रपा त्रपा-वती लज्जा निर्लज्जा ह्नीं रजोवती।। 39।।

सत्व-वती धर्म-निष्ठा श्रेष्ठा निष्ठुर-वादिनी।

गरिष्ठा दुष्ट-संहत्री विशिष्टा श्रेयसी घृणा।। 40।।

भीमा भयानका भीमा-नादिनी भीः प्रभावती।

वागीश्वरी श्रीर्यमुना यज्ञ-कर्त्री यजुः-प्रिया।। 41।।

ऋक्-सामाथर्व-निलया रागिणी शोभन-स्वरा।

कल-कंठी कम्बु-कंठी वेणु-वीणा-परायणा।। 42।।

वशिनी वैष्णवी स्वच्छा धात्री त्रि-जगदीश्वरी।

मधुमती कुंडलिनी शक्तिर् ऋद्धिर् सिद्धिर् शुचि-स्मिता।। 43।।

रम्भोवैशी रती रामा रोहिणी रेवती मघा।

शंखिनी चक्रिणी कृष्णा गदिनी पद्मनी तथा।। 44।।

शूलिनी परिघास्त्रा च पाशिनी शार्गं-पाणिनी।

पिनाक-धारिणी धूम्रा सुरभि वन-मालिनी।। 45।। -क्रमशः


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