प्रोपोजल तैयार…मंजूरी का इंतजार

By: Feb 10th, 2018 12:07 am

शिमला – प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों को जल्द राहत की उम्मीद है। आईजीएमसी प्रशासन सीटी स्कैन व एमआरआई की मशीनें खरीदने को लेकर प्रोपोजल तैयार कर चुका है। नई मशीनों को खरीदने के लिए बनाए गए प्रोपोजल पर जैसे ही सरकार की मंजूरी मिल जाती है, अस्पताल प्रशासन नई मशीनों को खरीदने के लिए प्रोसेस शुरू कर देगा। जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रशासन पहले सीटी स्कैन की मशीन ही खरीदेगा व उसके बाद ही एमआरआई मशीन को महत्त्वता दी जाएगी। इसका कारण यह है कि आईजीएमसी में जगह की कमी है। अस्पताल में स्पेस कम होने के चलते यहां एमआरआई की दूसरी मशीन स्थापित नहीं की जा सकती, तो वहीं अस्पताल में बन रहे नए भवन में भी एमआरआई मशीन को स्थापित करने के लिए अभी तक सुरक्षित जगह नहीं मिल पाई है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के चलते ज्यादातर मरीज इसी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते है। अस्पताल में सुबह से लेकर शाम तक सीटी स्कैन व एमआरआई टेस्ट के लिए मरीजों की भीड़ जमा रहती है। दीगर रहे कि अस्पताल की दोनों मशीनें 10 से 12 साल पुरानी है, जिस वजह से कभी भी ये मशीनें धोखा दे जाती हैं। हाल ही में भी दो हफ्तें बाद सीटी स्कैन की मशीन ठीक हो पाई है, ऐसे में अस्पताल में नई मशीनें लगाना आज की जरूरत है।

सीटी मशीन पर खर्च होंगे छह करोड़

आईजीएमसी में सबसे ज्यादा सताने वाली सीटी स्कैन मशीन के लिए बजट आ चुका है। जानकारी के अनुसार छह करोड़ की लागत से मशीन को खरीदा जाएगा। जानकारी के अनुसार मशीन को खरीदने से पहले सरकार से हरी झंडी मिलने की जरूरत है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि जल्द ही सीटी स्कैन की अस्पताल में दो मशीनें एक साथ काम करेगी।

काम पर उठने लगे सवाल

अस्पताल प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च कर सीटी स्कैन की पुरानी मशीन को ठीक करवाया है। वहीं, इससे पहले भी कई बार मशीन खराब हो चुकी है तो प्रशासन पहले भी इस मशीन को ठीक करने के लिए कई करोड़ों खर्च कर चुके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आईजीएमसी प्रशासन बार-बार पुरानी मशीन को ठीक करवाने के लिए करोड़ों रुपए बहाने से अच्छा नई मशीन के लिए इतने रुपए खर्च करते तो आज यह नौबत नहीं आती।


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