बही गांव में बैल को मारी गोली

By: Feb 17th, 2018 12:05 am

जोल – चिंतपूर्णी विस के अधीन पड़ते ग्राम पंचायत खरयालता में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। न्यायालय ने आवारा पशुओं को आश्रय प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गोशालाएं खोलने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी आवारा पशु सड़क पर घूमते आम देखे जा सकते हैं। उक्त आवारा पशु सड़कों पर वाहनों की चपेट में आकर बुरी तरह से जख्मी हो रहे हैं। वहीं अब ये आवारा पशु शिकारियों का शिकार बनते नजर आ रहे है, जिसकी ताजा मिसाल गुरुवार रात्रि गांव बही में देखने को मिली। जब अज्ञात शिकारियों ने जंगली जानवर के स्थान पर बैल को गोली मार दी। जिस कारण उक्त आवारा बैल गंभीर रूप से घायल हो गया। जब सुबह स्थानीय लोगों ने बैल को लहूलुहान खेतों में पड़ा देखा तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना ग्राम पंचायत खरयालता के प्रधान अशोक कुमार मोनू को दी। उन्होंने तुरंत घटनास्थल पर पहुंच कर पशु अस्पताल के फार्मासिस्ट तिलक राज, मनोज व सविता को सूचित किया। सूचना मिलते ही उपरोक्त फार्मासिस्ट घटनास्थल पर पहुंच गए और उन्होंने घायल बैल का प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया, जिसके उपरांत ग्राम पंचायत प्रधान द्वारा पशु अस्पताल चौकीमन्यार की मुख्य डाक्टर को लगभग सुबह 10:30 बजे सूचित किया, लेकिन उन्होंने सूचना को अनदेखा करते हुए मात्र 12 किलोमीटर की दूरी को दो घंटे में तय करते हुए वे लगभग 12:30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे तथा उन्होंने बैल को देखने के उपरांत फार्मासिस्टों से जानकारी ली और मौजूद लोगों से कहा कि हमारे पास सर्जन उपलब्ध नहीं है, क्योंकि बैल का उपचार सर्जन ही कर सकता है। जब गांववासियों ने इस पर आक्रोश जाहिर किया तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि आप यहां से चले जाएं हम स्वयं ही देख लेंगे कि बैल का उपचार कैसे करना है। चिकित्सक की इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है। जब इस संदर्भ में ग्राम पंचायत प्रधान अशोक कुमार मोनू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें जब सूचना मिली तो वह वहां पर पहुंच गए और इसके संदर्भ में फार्मासिस्टों के साथ-साथ मुख्य डाक्टर को भी सूचित किया। उन्होंने कहा कि डाक्टर दो घंटे के उपरांत पहुंचे। उधर, इस संदर्भ में सीनियर वैटरिनरी डा. संजय गुप्ता ने कहा कि हमारे पास सर्जन नहीं है। इसका उपचार पालमपुर अस्पताल में ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि आवारा पशु है तो उसका ट्रांसपोर्ट का खर्चा ग्राम पंचायत को करना होगा।


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