मोदी के दौरे से चिढ़ा चीन

By: Feb 16th, 2018 12:04 am

कहा; विवाद को और ज्यादा उलझाने वाला काम न करे भारत, दर्ज करवाएंगे राजनयिक विरोध

बीजिंग— चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे का ‘कड़ा विरोध’ किया है, जिसे वह दक्षिणी तिब्बत बताता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भारत को विवाद को और ज्यादा उलझाने वाला कोई काम नहीं करना चाहिए। चीन ने कहा कि वह भारत के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराएगा। मोदी के गुरुवार को अरुणाचल दौरे की खबरों के बारे में पूछने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुयांग ने कहा कि चीन-भारत सीमा के सवाल पर चीन का रुख नियमित एवं स्पष्ट है। चीन की सरकार ने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी और वह भारतीय नेताओं के विवादित इलाके के दौरे का पूरी तरह विरोध करता है। गेंग शुआंग ने कहा कि हम भारतीय पक्ष के समक्ष इस मसले पर कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे। गेंग ने कहा कि विवादों का उचित तरीके से प्रबंधन करने के लिए भारत और चीन के बीच महत्त्वपूर्ण आम सहमति है और दोनों पक्ष बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए जमीन विवाद सुलझाने पर काम कर रहे हैं। गेंग ने कहा कि चीनी पक्ष भारतीय पक्ष से आग्रह करता है कि इसकी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करें और उपयुक्त सहमति का पालन करें और ऐसा कोई काम करने से बचें, जिससे सीमा विवाद और जटिल हो जाए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच अवैध मैकमोहन रेखा और परंपरागत सीमा के बीच स्थित ये तीन इलाके हमेशा से चीन का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन द्वारा 1914 में खींची गई मैकमोहन रेखा इन इलाकों को भारतीय क्षेत्र में शामिल करने का प्रयास था। चीन अरुणाचल प्रदेश में भारतीय नेताओं के दौरे का नियमित रूप से विरोध करता है और राज्य पर अपना दावा करता है। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर विवादित क्षेत्र है। दोनों पक्षों के बीच मुद्दे के समाधान के लिए विशेष प्रतिनिधि के माध्यम से अभी तक 20 दौर की वार्ता हो चुकी है।

उत्तर कोरिया पर बनाए रखेंगे दबाव

टोक्यो — जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के मद्देनजर उस पर लगातार दबाव बनाए जाने को लेकर सहमति जताई है। जापान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। श्री आबे और श्री ट्रंप ने फोन पर उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई की जब तक प्योंगयांग अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को पूर्ण रूप से बंद नहीं करता तब तक उससे किसी भी प्रकार की सार्थक बातचीत संभव नहीं है। वहीं इस मामले पर दक्षिण कोरिया ने कहा कि उसके राष्ट्रपति मून जे-इन को उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के साथ बैठक का न्योता दिया गया था। यह न्योता किम जोंग उन की बहन ने दिया था।


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