एचआरटीसी घोटाले पर आएगा श्वेतपत्र

By: Mar 14th, 2018 12:07 am

गोविंद ठाकुर बोले, बस खरीद में खामियों के जिम्मेदार नहीं बख्शे जाएंगे

शिमला – हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पूर्व सरकार द्वारा की गई बसों की खरीद का मामला खूब गरमाया। विधायकों ने बस खरीद पर जहां सवाल पर सवाल दागे, वहीं सरकार ने भी ऐलान कर दिया है कि एचआरटीसी में हुए कथित घोटाले पर श्वेतपत्र लाया जाएगा। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लो-फ्लोर बसों और लंबी बसों की खरीद आखिर क्यों की गई, जबकि यहां पर वैसी सड़कें नहीं हैं। यहां डीपीआर बनाने वाले तकनीकी अधिकारियों ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि बस खरीद के मामले में सरकार श्वेत पत्र लाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय में एचआरटीसी का पूरा सिस्टम ही गड़बड़ा गया था, जिसे पटरी पर लाना होगा। सदन में विधायक होशियार सिंह, अरुण कुमार, मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी व राकेश पठानिया ने संबंधित मामले पर सवाल दागे। राकेश पठानिया ने इस पर श्वेतपत्र लाने की मांग की थी। परिवहन मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत प्रदेश को 791 बसें दी थीं, जो कि यहां पर कलस्टर आधार पर चलनी थीं। परंतु ये बसें क्लस्टर के बाहर चलाई गई, जिस पर निजी आपरेटरों ने हाई कोर्ट का सहारा लिया। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद 300 बसें अभी खड़ी हैं, जिनको जल्दी चलाया जाएगा। ये बसें 12 मीटर और नौ मीटर तक लंबी हैं, जो कि यहां की सड़कों के अनुरूप नहीं थीं। अब हाई कोर्ट के कहने पर लोगों से आपत्तियां मांगी गई हैं, जिनका निपटारा करने के बाद जल्दी ही खड़ी बसों को वापस चलाया जाएगा। गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि वैट लीजिंग के आधार पर चलाई जा रही बसों को वर्तमान सरकार बंद नहीं करने जा रही है, मगर इनके साथ होने वाले करार की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वैट लीज से होने वाले घाटे को अकेले परिवहन निगम पर थोपा गया है, जो कि सही नहीं है। इसलिए दोनों भागीदारों पर इसकी जिम्मेदारी हो, ऐसी शर्त भविष्य में लगाएंगे। उन्होंने सदन को बताया कि वैट लीजिंग बसों से 17 करोड़ का लाभ हुआ, परंतु मिनी बसों में एक करोड़ 18 लाख रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा। विधायक आशा कुमारी ने क्लस्टर से बाहर बसों की कमी को पूरा करने की बात भी कही, जिस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि विधायक प्राथमिकता वाले रूटों की सूची दें, जिन पर क्लस्टर से बाहर बसें चलाने का प्रबंध किया जाएगा।

कर्जा लेकर खरीदी गई बसें

वोल्वों बसों को लेकर परिवहन मंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 में 10 वोल्वो बसें खरीदी गईं, वहीं 2016-17 में 15 बसें और इसी साल 20 और बसें खरीदी गईं। इन बसों को खरीदने के बावजूद 52 वोल्वो बसें वैट लीजिंग पर ली गईं, जो कि नहीं होना चाहिए था। यही नहीं, ये वैट लीज वाली बसें भी उन्हीं रूटों पर चलाई गईं, जहां पर एचआरटीसी की अपनी वोल्वो बसें चल रही थीं। बिना डिमांड के ही कर्ज लेकर बसों की खरीद की जाती रही, जबकि पूर्व में कभी भी बसों की खरीद को कर्जा नहीं लिया जाता था।

वित्त विभाग का सुझाव दरकिनार

बस खरीद के मामले में पूर्व सरकार ने वित्त विभाग के सुझाव को भी नहीं माना। परिवहन मंत्री ने बताया कि वित्त विभाग ने 2500 बसों का बेड़ा रखने की बात कही है, परंतु निगम का बेड़ा 3103 से भी अधिक का हो गया है। इलेक्ट्रिक बसें इससे अलग हैं। वर्तमान वित्त वर्ष में ही 300 नई बसों की खरीद का फैसला पूर्व में लिया जा चुका है। उन्होंने एक सवाल पर यह भी बताया कि निगम के पास शून्य वैल्यू की 170 बसें हैं। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी को पूरी तरह से ट्रैक से हटा दिया गया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App