गैर जरूरी था आपरेशन ब्लू स्टार

By: Mar 19th, 2018 12:07 am

कुलदीप नैयर

लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं

ब्लू स्टार आपरेशन की जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसमें मेरे अलावा जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा, एयर मार्शल अर्जुन सिंह व बाद में प्रधानमंत्री बने इंद्र कुमार गुजराल भी शामिल थे। इस कमेटी का निष्कर्ष यह था कि ब्लू स्टार आपरेशन नितांत अपरिहार्य नहीं था तथा भिंडरांवाला से अन्य तरीकों से भी निपटा जा सकता था। सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए जिस पंजाबी ग्रुप ने हमें तैनात किया था, उसे अपनी रिपोर्ट में हमने यही कहा था…

ब्र्रिटिश सरकार ने आपरेशन ब्लू स्टार से संबंधित सभी जानकारी (पेपर) को सार्वजनिक करने के लिए लंदन में सिख समुदाय की ओर से डाली गई याचिका को निरस्त कर दिया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नजदीक थीं तथा ऐसा बताया जाता है कि एक जून 1984 से आठ जून 1984 के बीच अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चले सैन्य आपरेशन की योजना बनाने में उन्होंने इंदिरा गांधी की मदद की थी। यह आपरेशन हरमंदिर साहिब परिसर से आतंकवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाला तथा उसके अनुयायियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया था।

अब इस बात की जानकारी भी सामने आई है कि उस दौरान एक अंग्रेज अधिकारी ने अमृतसर का दौरा किया था। उसने गुप्त सैन्य सूचनाएं एकत्रित की थीं जो कि इस परिसर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई चलाने के लिए भारतीय सेना के बहुत काम आई थीं। अब यह महसूस किया जा रहा है कि यह आपरेशन करना जरूरी नहीं था तथा भिंडरांवाला को अकाल तख्त से अन्य तरीकों के माध्यम से भी निकाला जा सकता था। लेकिन 34 वर्षों के बाद भी जनता को यह पता नहीं है कि यह आपरेशन क्यों चलाना पड़ा। यह बात सही है कि भिंडरावालां ने अकाल तख्त सहित पूरे स्वर्ण मंदिर परिसर को अपने राज्य के रूप में परिवर्तित कर दिया था तथा इस पर एक प्रकार से कब्जा जमा लिया था। वह एक प्रकार से अपनी सत्ता चला रहे थे तथा सिख समुदाय को आदेश पारित कर रहे थे। इन्हें बाहर निकालने के लिए जो आपरेशन चला, उसमें टैंकों का भी इस्तेमाल किया गया। मुझे याद है उस समय रात को इंदिरा गांधी सोई नहीं थीं, क्योंकि भारतीय सेना के प्रथम बैच को भिंडरांवाला के हथियारबंद समर्थकों व अनुयायियों से निपटना था। आज भी हरमंदिर साहिब की दीवारों पर गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं। भारतीय सेना की ओर से की गई कार्रवाई से सिख समुदाय में रोष फैल गया था क्योंकि वे अपने इस धर्मस्थल को वेटिकन सिटी की तरह मानते हैं। ब्रिटिश सरकार के पास जो जानकारी है, उसके बिना यह जानना कठिन है कि हरमंदिर साहिब में प्रथम दृष्टया ही प्रवेश करने की जरूरत भारतीय सेना को क्यों पड़ी। इस सैन्य कार्रवाई से विश्वभर के सिख समुदाय में आक्रोश फैल गया था तथा भारत में सिख समुदाय के सदस्यों पर हमलों से चहुं ओर तनाव फैल गया था। भारतीय सेना में कई सिख सैनिकों ने बगावत कर दी थी तथा कई सिखों ने सैन्य तथा नागरिक प्रशासन से इस्तीफे दे दिए। इसके अलावा कई सिखों ने सरकार से मिले सम्मान व पुरस्कार भी लौटा दिए। श्रीमती इंदिरा गांधी इस बात को लेकर सचेत थीं कि सिख समुदाय प्रतिक्रिया कर सकता है।

भुवनेश्वर में एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की आशंका थी कि उनकी हत्या की जा सकती है। सरकार की सत्ता बनाए रखने के लिए जो जरूरी था, वह उन्होंने किया। उनके साथ चार माह बाद जो कुछ हुआ, वह एक त्रासदी थी। सिख सिक्योरिटी गार्डों ने उनकी हत्या कर दी और इसे सिखों की ओर से लिया गया बदला बताया गया। यह बात यहीं पर नहीं रुकी। सरकारी वक्तव्य के अनुसार दिल्ली में ही सिख विरोधी दंगों में तीन हजार से अधिक सिखों का कत्लेआम कर दिया गया। ब्लू स्टार आपरेशन की जांच के लिए जो कमेटी बनाई गई थी, उसमें मेरे अलावा जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा, एयर मार्शल अर्जुन सिंह व बाद में प्रधानमंत्री बने इंद्र कुमार गुजराल भी शामिल थे। इस कमेटी का निष्कर्ष यह था कि ब्लू स्टार आपरेशन नितांत अपरिहार्य नहीं था तथा भिंडरांवाला से अन्य तरीकों से भी निपटा जा सकता था। सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए जिस पंजाबी ग्रुप ने हमें तैनात किया था, उसे अपनी रिपोर्ट में हमने यही कहा था। पीवी नरसिम्हा राव उस समय देश के गृह मंत्री थे। सरकार की कार्रवाई का मूल्यांकन करने के लिए जब हम उनसे मिले तो वह अस्पष्ट व अनिश्चित से नजर आए। हमने आपरेशन से जुड़े गवाहों के अलावा अन्य लोगों से भी बातचीत की थी। इससे पता चलता था कि सरकार ने यह कार्रवाई अनावश्यक रूप से ही कर दी थी। दिल्ली व निकटवर्ती क्षेत्रों में जो सिख विरोधी दंगे हुए, उन्हें भी सख्ती करके रोका जा सकता था। लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने न तो पुलिस और न ही सेना को कोई हस्तक्षेप करने को कहा। इसके बजाय उन्होंने यह कहा कि यह दंगे इंदिरा गांधी की हत्या के विरुद्ध हुई प्रतिक्रिया का परिणाम थे। इसके अलावा उन्होंने यह विवादास्पद बयान भी दे डाला कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती स्वाभाविक रूप से हिलती है। अब तीन दशकों के बाद पता चलता है कि ब्रिटेन के पास जो गैर-वर्गीकृत जानकारी है, उसके अनुसार उसने ही भारत को यह आपरेशन चलाने का सुझाव दिया था। इसके कारण दिल्ली के साथ-साथ लंदन में भी तूफान उठ खड़ा हुआ है। ब्रिटिश सरकार ने इस नए खुलासे की जांच के आदेश दे दिए हैं तथा साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने इस संबंध में ब्रिटिश सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। यह भी बात सामने आई है कि सिख आतंकवादियों के खिलाफ चले सैन्य आपरेशन में संलिप्त रहे खूफिया अधिकारियों तथा आपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम देने वाले सैन्य कमांडरों ने ब्रिटिश योजना को लागू करने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि जहां तक उनका संबंध है, यह पूरा आपरेशन भारतीय सेना ने ही बनाया तथा क्रियान्वित किया था। ब्रिटेन की राष्ट्रीय लाइब्रेरी ने 30 साल की पाबंदी के बाद इस खुलासे से संबंधित सूचनाएं सार्वजनिक की हैं जो कि पत्रों की शृंखला के रूप में उपलब्ध हैं। 23 फरवरी, 1984 की इस आधिकारिक सूचना को सिख समुदाय का टाइटल दिया गया है। इसमें विदेश सचिव के साथ एक अधिकारी गृह सचिव के निजी सचिव को बता रहा है कि इस देश में सिख समुदाय के बीच प्रतिघात की संभावना बढ़ाने वाले लोगों की पृष्ठभूमि के बारे में वह सचेत होना चाहते हैं।

यह भी कहा गया है कि अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से सिख आतंकवादियों को हटाने की योजना पर भारतीय अधिकारियों ने हाल में ब्रिटेन से सुझाव मांगा है। विदेश सचिव ने इस आग्रह पर तुरंत ध्यान दिया तथा दोनों देशों में समझौते के अनुरूप ब्रिटेन के एक सैन्य अधिकारी ने भारत का दौरा किया, इस संबंध में एक योजना बनाई जिसे इंदिरा गांधी ने मंजूर कर लिया। पत्र में कहा गया है कि विदेश सचिव को विश्वास था कि भारत सरकार इस योजना के अनुरूप शीघ्र ही कार्रवाई कर सकती है। पत्र में कहा गया है कि अगर ब्रिटेन की सलाह को सार्वजनिक किया जाता है तो यह वहां मौजूद भारतीय समुदाय में तनाव पैदा कर सकती है। हालांकि इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं है कि 1984 में हुए इस आपरेशन में अंततः ब्रिटिश प्लान का ही प्रयोग किया गया।  इस संबंध में प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव को तुरंत जांच करने के आदेश दिए हैं।

ई-मेल : kuldipnayar09@gmail.com


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App