रोहिंग्याओं के जले गांवों में सैन्य अड्डे

By: Mar 13th, 2018 12:07 am

एमनेस्टी इंटरनेशनल की सेटेलाइट तस्वीरों से म्यांमार की हरकत का खुलासा

लंदन – म्यांमार भले ही यह कह रहा हो कि वह अपने यहां से भागे रोहिंग्या मुस्लिमों को दोबारा देश बुलाने को तैयार है, लेकिन असल में ऐसा होना मुश्किल है। दरअसल, म्यांमार कथिततौर पर उन गांवों में अपने सैन्य अड्डे बनाना शुरू कर चुका है, जहां एक समय में रोहिंग्या मुस्लिम रहा करते थे, लेकिन बीते साल अगस्त में छिड़ी हिंसा के बाद इन गांवों को जला दिया गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार को विस्तृत सेटेलाइट तस्वीरें जारी कीं, जिसमें पाया गया है कि जले हुए गांवों की जगह अब नए सैन्य अड्डों ने ले ली है। बता दें कि रोहिंग्याओं के खिलाफ म्यांमार सेना के अभियान को संयुक्त राष्ट्र ने नस्ली सफाया करार दिया था। एमनेस्टी की क्राइसिस रिस्पांस डायरेक्टर तिराना हसन ने कहा कि रखाइन राज्य का पुनर्निर्माण बेहद गोपनीय तरीके से हो रहा है। प्रशासन को विकास के नाम पर नस्ली सफाए के उसे अभियान को आगे नहीं बढ़ाने देना चाहिए। खबर के मुताबिक, एमनेस्टी की नई तस्वीरों के अध्ययन से यह साबित होता है कि रखाइन के आखिरी तीन सैन्य अड्डे जनवरी से अब तक बने हैं, जबकि अभी भी कई निर्माणाधीन हैं। हसन ने बताया कि हमने देखा कि सेना द्वारा  नाटकीय तरीके से जमीन हड़पने की चाल थी। उन्हीं सुरक्षाबलों के लिए नए अड्डे बनाए जा रहे हैं, जिन्होंने रोहिंग्याओं के खिलाफ, मानवता के खिलाफ जाकर अपराध किए हैं। इतना ही नहीं तस्वीरों में यह भी दिख रहा है कि शरणार्थी स्वागत केंद्रों के बाहर सेना ने बाड़ लगा दिए हैं और भारी संख्या में सैनिक तैनात हैं।

स्वदेश वापसी को हुआ था करार

इसी साल जनवरी में बांग्लादेश और म्यांमार के बीच रोहिंग्याओं के स्वदेश वापसी को लेकर एक समझौता हुआ था। इसके तहत लाखों रोहिंग्याओं के स्वदेश वापसी के रास्ते तलाशने की दिशा में कदम उठाए जाने के संकेत मिले थे। रिपोर्ट के मुताबिक सात लाख से ज्याद रोहिंग्या मुसलमान पिछले साल म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश पहुंचे थे। इनमें से असंख्य रोहिंग्या शरणार्थी स्वदेश लौटना चाहते हैं। इसके लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच जो करार किया गया था, उसके तहत दो वर्षों के समयांतराल में रोहिंग्याओं की स्वदेश वापसी होनी थी। स्वदेश वापसी की यह प्रक्रिया 22 जनवरी से शुरू होनी थी, लेकिन इसमें हो रही देरी और मिलिट्री बेस के निर्माण की खबरों से से रोहिंग्याओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App