सियारला में बस गिरी, महिला की मौत
हादसे में पांच गंभीर घायल रामुपर अस्पताल में भर्ती, गाड़ी में थी कुल 64 सवारियां
रामपुर बुशहर- थाना रामपुर के अंतर्गत वाली उपमंडल तकलेच सियारला गांव के पास बुधवार शाम को परिवहन निगम की एक बस सड़क से नीचे जा गिरी। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए रामपुर के खनेरी अस्पताल लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक हादसे के समय बस में करीब 64 लोग सवार थे। पुलिस थाना रामपुर से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम को रामपुर डिपो की बस नंबर एचपी 06-2928 रामपुर से दरकाली की ओर जा रही थी। तकलेच पंचायत के सियारला गांव के पास बस सड़क से नीचे जा गिरी और सेब के बागीचे में रुकी। सड़क से करीब 60 मीटर गिरी बस पेड़ों के कारण रूक गई। इस हादसे में बस के परखचे उड़ गए, जबकि बस में सवार अधिकतर लोगों को गंभीर चोटें नहीं आई है। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और तकलेच पुलिस चौकी से पुलिस का दल मौके पर रवाना हुआ। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से घायलों को मौके से बाहर निकालकर तकलेच अस्पताल पहुंचाया, पांच लोगों की हालत गंभीर होने के कारण खनेरी अस्पताल पहुंचाया गया है। हादसे में सेरी गांव की सुंदला देवी पत्नी बालक राम आयु करीब 47 वर्ष के रूप में हुई है। एसडीएम रामपुर डा. निपुण जिंदल ने कहा है कि बस में करीब 64 लोग सवार थे। मृतक के परिजनों को दस हजार रुपए फौरी राहत और घायलों को पांच से तीन हजार रुपए की राहत दी गई है।
आखिर वही हुआ, जिसका डर था
बस में हर दिन ओवरलोडिंग होने से पल-पल सताता था डर
रामपुर बुशहर – अनगिनत बार परिवहन विभाग को पत्र लिखकर पंचायत सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाए दरकाली रूट पर अन्य बस चलाने की मांग करती रही और गिड़गिड़ाती रही कि इस बस में हर दिन ओवरलोडिंग होती है। कृप्या इस रूट में अन्य बस चलाई जाए। ऐसा न हो कि किसी दिन इस रूट पर कोई हादसा हो जाए। बुधवार को भी हर दिन की तरह इस बस में आवश्यकता से अधिक सवारियां सफर कर रही थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या परिवहन विभाग या फिर सरकार इस बात का इंतजार करती रहती है कि जब कोई हादसा होगा तब भी उनकी चिर निंद्रा टुटेगी। बुधवार को हुए इस हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जबकि एक महिला की मौत हो गई। ये हादसा सीधे तौर से सरकारी तंत्र के नजरअंदाज और लापरवाही को दर्शाता है। जहां परिवहन विभाग इस रूट पर अतिरिक्त बस चलाने में अभी तक आनाकानी बरतता रहा वहीं इस सड़क की खस्ता हालत को लेकर लोक निर्माण विभाग भी जिम्मेदार है। लोक निर्माण विभाग ने इस सड़क की मेटलिंग और टायररिंग का कार्य ठेकेदार को आबंटित कर रखा है, लेकिन काम इतना सुस्त गति से हो रहा है कि सड़क के कई हिस्से साफ हादसों को न्योता दे रहे है। बुधवार को जब ये हादसा हुआ तब परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस बात की याद जरूर आ रही होगी कि पंचायत नुमाइर्ंदों सहित ग्रामीणों ने कई मर्तबा यहां के अतिरिक्त बस चलाने की बात कही थी, लेकिन अब हादसा हो गया है और विभाग की लापरवाही से कई अनमोल जानें जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। दरकाली पंचायत के प्रधान शीरूराम डबरैही का कहना है कि उन्होंने अनगिनत बार परिवहन विभाग को पंचायत की तरफ से लिखित में अतिरिक्त बस चलाने के लिए मांगपत्र सौंपे। इतना ही नहीं जब भी क्षेत्र में कोई चुना हुआ नुमाईदा आता तो उन्हें भी इस बारे में अवगत करवाया जाता। उन्होंने कहा कि इस हादसे के पीछे परिवहन विभाग और लोक निर्माण विभाग दोनों दोषी है। चेतन पाकला उपप्रधान दरकाली पंचायत का कहना है कि बस में ओवरलोडिंग हर दिन की बात है। वहीं सड़क की हालत भी खस्ता बनी हुई है।
सड़क पर पत्थर और मिट्टी ही मिट्टी-
जिस जगह से बस सड़क से बाहर हुई वहां पर पीछे की तरफ पत्थर रखे हुए है। ऐसे में जब चालक ने बस को आगे से निकालने की कोशिश की तो बस का पिछला टायर धंस गया और बस नीचे की तरफ लुढ़क गई।
बच्चों और ग्रामीणों के लिए एक ही बस
दरकाली रूट पर ये एकमात्र बस है जिसमें स्कूली बच्चों सहित ग्रामीण हर दिन सफर करते है। जहां स्कूली बच्चों की संख्या काफी अधिक रहती है वहीं ग्रामीणों के लिए भी इसी बस का सहारा है। सेरी मझाली तक का 8 किमी का सफर हर दिन मौत के खेल जैसा है। बस का चालक अक्सर इस रूट पर बस ले जाने के लिए मना करता है। लेकिन ग्रामीणों की मजबूरी के आगे उसे भी झुकना पड़ता है।
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