अब दुआ ही बाकी बची है

By: Apr 15th, 2018 12:05 am

हमारी सुरक्षा व्यवस्था के लूपहोल्स…

विदेशों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था…

हिमाचल प्रदेश के नूरपुर (कांगड़ा) में  स्कूल बस खाई में गिरने से जो हादसा हुआ है, उसे शायद ही हम कभी भुला पाएंगे। बस 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। कुछ बच्चों का तो स्कूल में पहला ही दिन था, जिन्हें अभी यह भी पता नहीं था कि स्कूल होता क्या है। वे बच्चे क, ख, ग जानने से पहले ही विद्या को अलविदा कह गए। न जाने कितने घरों के चिराग बुझ गए। कितनी माताओं के कलेजे छलनी हुए। सुबह उठते ही मां की ड्यूटी होती है प्यार से बच्चे का टिफिन पैक करना, पापा को उन्हें स्कूल छोड़ना होता है, लेकिन इस हादसे ने मां-बाप के प्यार का संबंध ही खत्म कर दिया। हम कितना ही मौन रखें, कितना ही बच्चों की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना करें, पर जो घाव यह हादसा उन माता-पिता को दे गया है, वे शायद ही कभी उबर पाएं। जो मां-बाप सुबह उठ कर बच्चों के बैग हाथ में लेकर उन्हें स्कूल छोड़ने की सोच रहे थे, उनको क्या पता कि अगली सुबह उन हाथों में उनके बच्चों की लाशें होंगी। जो मां हमेशा घर में बच्चे की पसंद की सब्जी बनाती है, उसे नहीं पता था कि अब कोई अपनी पसंद की सब्जी मांगने वाला नहीं होगा। हमारी आंखों में खबर पढ़ कर आंसू आ गए हैं, तो उन माता-पिता के दिल की कौन जाने, उन भाई-बहनों के प्यार को कौन जाने, जिनके भाई-बहन छिन गए हैं। जो भी बच्चे ‘दिव्य हिमाचल’ की उत्सव मैगजीन पढ़ते हैं, वे प्लीज जब इस पन्ने को पढ़ें और उन सब बच्चों की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगें।

 इन नियमों का करें पालन

* स्कूल बस में कोई भी बच्चा खड़ा नहीं होना चाहिए। बच्चे इसका पालन करें। यह सुनिश्चित करने के लिए स्कूल बस में टीचर का होना अनिवार्य है। एक टीचर पीछे और एक आगे।

* बस में तय क्षमता के मुताबिक ही छात्र हो सकते हैं।

* बस में दो एमर्जेंसी दरवाजे होने चाहिए ताकि आपात स्थिति में अंदर फंसे लोगों को निकालने में आसानी हो।

* बस में लॉक, फॉयर एक्सटिंग्विशर, आग बुझाने वाला उपकरण और फर्स्ट एड की सुविधा मौजूद होनी चाहिए।

* स्कूल बस से जब तक बच्चा उतर कर दो फीट दूर न जाए, बस ड्राइवर बस न चलाए।

*  इंटरनेशनल रोड ट्रांसपोर्ट यूनियन की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप के कई शहरों में हर यात्री के लिए बस में भी सीट बैल्ट पहनना जरूरी है।

* साल 2008 की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेल्जियम में स्कूल बस में बच्चों के लिए सीट बैल्ट अनिवार्य है और यह सुनिश्चित करना बस में मौजूद टीचर का काम है।

* स्कॉटलैंड की बात करें तो वहां भी पिछले साल इस तरह की मांग उठी है कि स्कूल बसों में सीट बैल्ट को अनिवार्य बनाया जाए।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App