नेहरू युवा केंद्र को सशक्त बनाने की जरूरत

By: Apr 17th, 2018 12:05 am

कुलदीप चंदेल

लेखक,  बिलासपुर से हैं

नेहरू युवा केंद्र के बारे में लोगों की धारणा बनी है कि यह तो नाचने-गाने वाला संगठन है। यहां नाच-गाने ही होते हैं, यह धारणा बदलनी होगी। इस संगठन को राष्ट्रहित व युवाहित में अधिक सक्रिय करना होगा। आज की युवा शक्ति भटके नहीं, गलत राह पर नहीं चले, यह सब नेहरू युवा केंद्र युवाओं के लिए लगातार कार्यक्रम चलाकर कर सकता है…

केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद भी देश के अग्रणी सरकारी संगठन नेहरू युवा केंद्र की नीतियों में कोई बदलाव नहीं आया है। यह संगठन भगवा रंग में नहीं रंगा है। जैसा कि समझा जा रहा था इस संगठन की नीतियां व कार्यक्रम उसी तरह चल रहे हैं जैसे पूर्व सरकारों के समय चलते थे। हां, हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों को केवल चार युवा समन्वयक देख रहे हैं, जबकि हर जिला में एक समन्वयक होना चाहिए। इस संगठन के बजट में भी राष्ट्रीय स्तर पर कोई कमी नहीं आई है। नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय महानिदेशक मेजर जनरल दिलावर सिंह हैं। यह संगठन हर साल स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाता है। एक पखवाड़े तक जगह-जगह युवाओं के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। उनमें नेतृत्व के गुणों का विकास होता है। राष्ट्र प्रेम की भावना की लौ प्रज्वलित होती है, लेकिन युवाओं के लिए और अधिक कार्यक्रम चलाने की जरूरत है। महाराणा प्रताप, शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर, राजगुरु, सुभाष चंद्र बोस सहित अन्य राष्ट्रभक्तों, राष्ट्रवीरों, समाजसेवियों आदि के बारे में देशभर में कार्यक्रम होते रहने चाहिए।

नेहरू युवा केंद्र के बारे में लोगों की धारणा बनी है कि यह तो नाचने-गाने वाला संगठन है। यहां नाच-गाने ही होते हैं, यह धारणा बदलनी होगी। इस संगठन को राष्ट्रहित व युवाहित में अधिक सक्रिय करना होगा। आज की युवा शक्ति भटके नहीं, गलत राह पर नहीं चले, नशे से दूर रहे, बुरी आदतों को अपने से दूर रखे, यह सब नेहरू युवा केंद्र युवाओं के लिए लगातार कार्यक्रम चलाकर कर सकता है। राष्ट्रीय निर्माण में कारगर भूमिका निभा सकता है। यह तब होगा जब ऊपर से इस बारे नीतियां व कार्यक्रम बनें। पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया जाए। युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो। आज का युवा अपना अधिक समय फेसबुक, व्हाट्सऐप आदि देखने में लगा रहा है। इधर-उधर छिपकर वह कई तरह के नशों में फंस रहा है। बिलासपुर के एक वरिष्ठ वकील दौलत राम शर्मा ने हेरोइन का व्यापार करने वाले एक युवक की जमानत करवाने के बाद उससे पूछा कि इतने दिन जेल में रहे, इस धंधे को छोड़ क्यों नहीं देते? युवक ने जवाब दिया कि वह एमकॉम किए हुए है। उसके दूसरे साथी भी पढ़े-लिखे हैं। नौकरी मिलती नहीं। मजदूरी कर नहीं सकते। इसलिए इस धंधे में पड़ गए हैं। ऐसे कई युवक गलत धंधों में फंस कर अपने भविष्य को अंधकार में धकेल रहे हैं। गलत राह पर चल पड़े हैं।

युवा शक्ति राह भटक जाए तो वह राष्ट्रहित में नहीं है। इस बारे देश के नीति निर्धारकों को सोचना होगा। नेहरू युवा केंद्र जैसे संगठन को और अधिक सक्रिय व जवाबदेह बनाने की जरूरत है। इस संगठन के माध्यम से युवाओं को रचनात्मक कार्य में लगाया जा सकता है। उनकी सोच बदली जा सकती है।। किशोर, तरुण व युवा-वय के कार्यक्रम बनाने होंगे।। नेहरू युवा केंद्र देश का एक अग्रणी संगठन है। देश के लगभग सभी जिलों में इसके कार्यालय हैं, जहां कई तरह के कार्यक्रम चलते रहते हैं। इस संगठन के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार अपनाने हेतु भी प्रेरित किया जाता है। वजीफा देकर युवाओं को स्वरोजगार हेतु कई कोर्स भी करवाए जाते हैं, जो अच्छी व सराहनीय बात है। इसलिए यह संगठन युवाओं की सोच बदलने में भी अपनी भूमिका निभा सकता है। देखा गया है कि इस संगठन के माध्यम से अभी तक वे परिणाम सामने नहीं आए हैं, जिनकी राष्ट्र को अपेक्षा है।

स्वच्छ भारत कार्यक्रम को ही ले लीजिए।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को लेकर देशवासियों में एक परिवर्तन की लहर तो पैदा की ही है। इस दिशा में परिवर्तन भी साफ नजर आने लगा है, लेकिन बावजूद इसके बहुत से लोग सार्वजनिक स्थानों को गंदा करने से बाज नहीं आते हैं। इधर-उधर थूकते रहते हैं। हर कहीं निवृत्त होते हैं। सार्वजनिक शौचालयों में गुटखे, खैनी, तंबाकू आदि के खाली पाउच फेंक देते हैं, जो कि बहुत ही गलत है। यह सोच बदली जा सकती है। इस बारे जागरूकता पैदा की जा सकती है। नेहरू युवा केंद्र समय-समय पर इस बारे कई तरह के कार्यक्रम चला सकता है। नीतियां व कार्यक्रम तो बनाने ही पड़ेंगे और बनाकर ईमानदारी से चलाने भी होंगे। तभी राष्ट्र उन्नति के मार्ग पर अग्रसर हो सकता है, जिस देश का युवा अच्छी आदतों और अच्छे विचारों से लैस होता है, वही देश तरक्की करता है। एक बार स्वामी रामतीर्थ जापान के भ्रमण पर थे। उन्होंने सड़क पर चलते-चलते केला खाया और छिलके सड़क पर ही फेंक दिए।

अचानक उनकी नजर पीछे गई तो वह चौंक गए। उन्होंने देखा कि एक युवक उनके पीछे-पीछे चला है। उसने केले के छिलके उठाए हैं। स्वामी जी यह देख कर हैरान हो गए। उन्होंने कहा कि जिस देश के युवक इतने कर्त्तव्यपरायण व ईमानदार होंगे, वह राष्ट्र तरक्की तो करेगा ही करेगा। आज जापान दुनिया के उन्नत देशों में से एक है। आजादी के बाद हमारे देश ने कई क्षेत्रों में उन्नति की है, लेकिन देश के चरित्र निर्माण में हम पिछड़े हैं। अरबों रुपए के घोटालों के बाद भी हम चुप रहते हैं। भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक जड़ें जमा चुका है। पढ़े-लिखे बड़े-बड़े अधिकारी जब रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं, सेना के अधिकारी शत्रु देश को सेना के राज बेचते हैं तो लगता है चरित्र निर्माण में हम पिछड़े हैं। नेहरू युवा केंद्र इस दिशा में काम कर सकता है। उससे काम लिया जा सकता है। यह बहुत बड़ा संगठन है, सारे देश में फैला है। इसलिए इसे सशक्त बनाने की नितांत आवश्यकता है। युवाओं को जागरूक करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा देश व समाज की सेवा में उनका योगदान तय करने का काम ये युवा केंद्र बखूबी निभा सकते हैं।

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