भोरंज के जंगलों में आग का तांडव
भोरंज —उपमंडल भोरंज के जंगलों में आग सुलगना शुरू हो गई है। हररोज जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। भोरंज के हनोह जंगल, त्रिलोकपुर जंगल, बुंगा जंगल, लझयानी इत्यादि पड़ते हैं। वन विभाग के कर्मचारी भी मुस्तैद रहते हैं। इसलिए शरारती तत्त्व रात के समय जंगल में आग लगाने के कारनामे को अंजाम दे रहे हैं। जंगल में अज्ञात लोग आग लगा रहे हैं। जंगल में आग लगने से हर वर्ष वन विभाग की लाखों रुपए की वन संपत्ति नष्ट हो रही है। इसमें जंगली जानवर मोर, हिरण, बोदड़, मुर्गे व खरगोश इत्यादि के साथ चील, आम व जंगली घास इत्यादि के पौधों को भी भारी नुकसान हो रहा है। हर वर्ष वन विभाग भी विभिन्न टीमें बनाकर आग पर काबू पाने का भरसक प्रयास करता है, पर सब नाकाफी ही रहता है। आग लगने से ह्यूमनिटी भी बढ़ती है, जिससे तापमान भी बढ़ जाता है। कुछेक का मानना है कि लोग घास के लालच में अपनी घासनियों में आग लगाते हैं, जिससे भी चिंगारी जंगलों तक सुलग जाती है। कई बार आग इतनी भयानक हो जाती है कि रिहायशी इलाकों में पहुंच कर आशियाने व गोशालाएं तक भी जलकर रख हो जाते हैं। मंगलवार रात को भी हनोह गांव में जंगल की आग सुलगती हुई गांव तक पहुंच गई, लेकिन ग्रामीणों के सहयोग से गोशाला तक पहुंचने से पहले ही आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ी घटना घटने से बच गई। बुंगा और ककड़ के जंगल में बिरोजा इकट्ठा करने के लिए विभाग व ठेकेदार द्वारा कीप भी लगाए गए हैं, जिससे आग और ज्यादा भड़क रही है और रिहायशी क्षेत्र के लिए खतरा बनी हुई है। ग्रामीणों रतन चंद, रमित, यशवंत, विनय, राजू, टेक चंद, संजीव, धर्म चंद, बलबीर शर्मा, संजय, अनिल शर्मा, योग राज, अनूप शर्मा, मोनिका शर्मा, कंचन शर्मा, मनीष शर्मा व निशा शर्मा इत्यादि ने मांग की है कि शीघ्र भोरंज में अग्निशमन केंद्र खोला जाए और शीघ्र इन आग लगाने वालों पर शिकंजा कसा जाए।
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