23 हजार धनकुबेरों ने छोड़ा भारत

By: Apr 20th, 2018 12:07 am

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में पिछले चार साल के चौंकाने वाले आंकड़े

नई दिल्ली— 2014 से लेकर अब तक करीब 23000 भारतीय धनकुबेर भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं। यह चौंकाने वाला आंकड़ा इन्वेस्टमेंट और फाइनांशियल सर्विसेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने पेश किया है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 से अब तक 23000 भारतीय धनकुबेरों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी और उनमें से 7000 ने 2017 में देश छोड़ दिया। इस खतरनाक ट्रेंड को देखते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मार्च में एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई, जिसके जरिए यह देखा जा सके कि भारतीय धनकुबेरों के पलायन करने से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या और कितना असर पड़ता है। सीबीडीटी ने कहा कि हाल के दौर में एक अलग ही ट्रेंड देखने को मिला है। अमीर भारतीय अब पलायन कर दूसरे देश की नागरिकता ले रहे हैं। इस तरह का पलायन बहुत बड़ा जोखिम है, क्योंकि टैक्स संबंधी कार्यों के लिए वे खुद को गैर-निवासी के तौर पर पेश कर सकते हैं, फिर चाहे भारत के साथ उनके कितने ही मजबूत व्यक्तिगत और आर्थिक संबंध क्यों न हों। हाल ही में इस लिस्ट में नाम जुड़ा है रियल एस्टेट के टाइकून और हीरानंदानी ग्रुप के फाउंडर सुरेंद्र हीरानंदानी का। हीरानंदानी ने साइप्रस का नागरिक बनने के लिए भारत की नागरिकता छोड़ दी और पलायन कर वहीं बस गए। सुरेंद्र हीरानंदानी ने बताया कि उन्होंने भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ी। हीरानंदानी ने कहा कि इंडियन पासपोर्ट होने से नौकरी मिलने में काफी परेशानी होती है। टैक्स रेट या अन्य चीजों से मुझे कोई परेशानी नहीं है। मेरा बेटा हर्ष अभी भारत का ही नागरिक है और वह यहां भारत में हमारा सारा बिजनेस संभाल रहा है। हीरानंदानी ने देश में कंस्ट्रक्शन बिजनेस की स्थिति पर रोष जाहिर करते हुए कहा कि प्रॉफिट मार्जिन 10 प्रतिशत से अधिक नहीं है, जबकि डिवेलपर्स को 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर पैसे उधार लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

जीवनसंगी की तलाश हैतो आज ही भारत  मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें– निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन करे!


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App