कब्जाई जमीन छुड़वाए सरकार, निर्धनों पर बरते नरमी

By: May 5th, 2018 12:05 am

ताजातरीन कसौली गोलीकांड से सुर्खियों में आई अवैध कब्जा हटाओ मुहिम एकाएक मुद्दा बन गई है। हर प्रदेश, हर जिला और हर जगह अवैध कब्जे की यह फेहरिस्त काफी लंबी है। इस पर कार्रवाई की बात तो होती रहती है, पर असल में एक्शन होता नहीं।  अब आम आदमी अवैध कब्जों पर बेबाकी से कार्रवाई के हक में है और कहता है कि जो कब्जाधारी बड़े प्रशासनिक अधिकारी की सरेआम गोली मार कर हत्या कर सकता है, उसके लिए आम आदमी क्या चीज है। सरकार को सख्त होना होगा और अवैध कब्जे छुड़वाने होंगे, तभी ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।

राहत दे सरकार

मंडी के अधिवक्ता समीर शर्मा का कहना है कि सरकारी भूमि पर हो रखे अतिक्रमण को सरकार को सहन नहीं करना चाहिए, लेकिन लोगों द्वारा अपनी भूमि पर बनाए गए अनियमित भवनों पर सरकार राहत जनता को दे।  इन भवनों को वन टाइम सेटलमेंट में लाकर सरकार राहत दे। लोगों से कम शुल्क लेकर उनके अनियमित भवनों को नियमिति किया जाए। इससे लोगों का जमा -जमाया कारोबार बना रहेगा और सरकार को भी मुनाफा होगा ।

कम फीस पर दें राहत

अधिवक्ता हितेंद्र शर्मा का कहना कि बडे़ बडे़ व्यवसायी, नेताओं और धन्नासेठों ने तो सरकारी भूमि पर ही कब्जे कर रखे हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जो अपनी भूमि पर भी भवन बना कर बिजली-पानी से महरूम हैं, सरकार को उनकी भी सुननी चाहिए। हितेंद्र शर्मा ने कहा कि नक्शे के विपरीत बने भवनों को कम शुल्क लेकर सरकार राहत प्रदान करें। निर्धनों को सरकार को राहत देनी जरूरी है।

सरकारी जमीन पर कब्जे चुनौती

नागरिक अधिकार मंच के संयोजक हरमीत सिंह बिट्टू कहते हैं कि अतिक्रमण से लोग तो परेशान होते ही हैं, बल्कि शहर में अन्य प्रकार की दिक्कतें भी खड़ी हो जाती हैं। इसी तरह से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती हैं। इन्हें समय रहते प्रशासन नहीं रोक पाता है। अगर समय रहते अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए तो फिर कसौली जैसे बडे़ कांड सामने नहीं आएंगे।

निर्धनों पर चलता है चाबुक

मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा के संयोजक लक्ष्मेंद्र गुलेरिया कहते हैं कि अवैध निर्माण व अतिक्रमण में लोगों के साथ-साथ प्रशासन सबसे अधिक जिम्मेदार है। मंडी में तो नेताओं के घर-होटल तक अवैध हैं, लेकिन किसी ने कार्रवाई नहीं की है। अकसर गरीब को पहले सताया जाता है। इसलिए समय पर ऐसी कार्रवाई ही तो यह समस्या ही पेश नहीं आएगी।

धन्नासेठों पर कसा जाए शिकंजा

मंडी के व्यवसायी विजय कुमार कहते हैं कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण गलत है और इसे हटाया जाना चाहिए, लेकिन गरीबों पर सरकार रहम करे। गरीब परिवारों ने अपनी भूमि पर एक कमरे के मकान बनाए हैं और अगर कोई थोड़ा बहुत अतिक्रमण भी है, तो अतिक्रमण करने वाले की स्थिति को देखकर उसे छूट दी जानी चाहिए।

शुरुआत में ही रोके सरकार

जितेंद्र कुमार कहते हैं कि अतिक्रमण की समस्या तब खड़ी होती है, जब इसकी शुरुआत में ही ठोस कदम नहीं उठाये जाते हैं और फिर एक को देखकर दूसरा अवैध निर्माण करता है। इसलिए समय रहते सरकार व प्रशासन इस पर कार्रवाई करें। दूसरा जिन लोगों ने निजी भूमि पर ही नियमों में छेड़छाड़ कर घर बनाए हैं, उन्हें सरकार राहत जरूर दे।

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