कविता    

By: May 13th, 2018 12:05 am

बेटियां    

माता-पिता की आन हैं बेटियां

हर घर की शान हैं बेटियां

बेटों से कम न आंको इनको

मैरी, सिंधु, नेहवाल हैं बेटियां

इतिहास के पन्नों पर भी हैं

झांसी, रजिया सुल्तान बेटियां

जन्म से पहले न मारो इनको

ईश्वर का बहुमूल्य वरदान हैं बेटियां

न जलाओ इनको न तड़पाओ इनको

पुरुषों के अस्तित्व की भी है पहचान बेटियां

मजबूरियों की बेडि़यों में न बांधो इनको

आंधी और तूफान हैं बेटियां

है हवस भरी, हवा जो चल रही

आज कहां महफूज हैं बेटियां

न किसी मजहब का रंग न चढ़ाओ

इन पे हिंदू हैं न मुसलमान बेटियां

न खेलो इनके दामन से

गीता, बाइबिल, कुरान हैं बेटियां

-सुनीता कुमारी, देहरा

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