चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का प्रोमोशन कोटा बढ़ाएं

By: May 28th, 2018 12:01 am

सुंदरनगर  – शिक्षा विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से दिन-रात सेवाएं ली जा रही हैं,  जो मानव अधिकार की धारा 30 का सरेआम उल्लंघन है। यह बात राज्य स्तरीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष भीम सिंह ठाकुर ने कही। उन्होंने मांग की कि छुट्टी वाले दिन रात्रि सेवा देने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को उसके बदले प्रतिपूरक अवकाश दिया जाए। उन्होंने कहा कि लिपिक की पदोन्नति के लिए विभागीय कोटे को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाए। संघ ने सरकार से मांग की है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालीन जलवाहक को दिहाड़ीधार बनाने का समय आठ से घटाकर तीन वर्ष किया जाए। उन्होंने कहा कि अंशकालीन जलवाहक आठ साल की सेवा के बाद दिहाड़ीदार बनते हैं तथा 14 वर्ष की सेवा के बाद नियमित होते हैं। संघ ने सरकार से मांग की है कि इनकी नियमितीकरण की सेवा अवधि आठ वर्ष की जाए। उन्होंने बताया कि 10 मई, 2001 की सेवा शर्त को शीघ्र हटाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि पुरानी पेंशन बहाल हो, शिक्षा विभाग में कार्यरत सेवादार से प्रयोगशाला परिचालक की पदोन्नति सीमा पांच से घटाकर तीन वर्ष की जाए व सरकार द्वारा अपग्रेड किए गए स्कूलों व कालेजों में सेवादारों के पद सृजित किए जाएं।

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