सरकारी भवनों में ही नहीं रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

By: May 27th, 2018 12:20 am

…तो ऐसे कैसे होगा वर्षा जल का संग्रहण

 शिमला—जल संग्रहण एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। जैसे-जैसे पानी की कमी होने लगी है, वैसे-वैसे भविष्य की चिंता भी सता रही है। भविष्य में लोग पानी की बूंद-बूंद हो तरस जाएंगे, कुछ ऐसे संकेत मिल रहे हैं। इसके लिए आम जनता को वर्षा जल संग्रहण बेहद जरूरी है,जिस पर सरकार भी गंभीर है, लेकिन सरकार की गंभीरता अभी भी कहीं नजर नहीं आ रही है। राज्य सरकार ने वर्षा जल संग्रहण की बात कही है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे सख्ती से लागू करने को कहा है परंतु इस पर कितनी कड़ाई से कदम उठाया जाएगा,यह सोचने की बात  है। सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने को कहा गया था, लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हो पाया है। इक्का-दुक्का सरकारी कार्यालयों के भवन ही ऐसे होंगे, जिनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया हो,जबकि सरकार ने आदेश दे रखे हैं। नए सिरे से जो भी सरकारी भवन बनेंगे, उनमें यह स्ट्रक्चर तो होना ही चाहिए बल्कि पुराने भवनों में भी इसे तैयार करने को कहा गया था। पिछली सरकार ने भी इसे लेकर विस्तृत निर्देश दे रखे हैं और अब वर्तमान सरकार का फोकस भी इसी पर है। मगर अभी तक सरकारी महकमों ने इसे नहीं अपनाया है, जिस पर सरकार को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर आने वाले समय में की जरूरत है जिसे हरेक व्यक्ति को अपनाना होगा। आईपीएच विभाग ने यह निर्णय लिया है कि वह जनता को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाएगी, जिसमें लोगों को पानी के महत्त्व के बारे में तो बताया ही जाएगा, वहीं वर्षा जल संग्रहण किस-किस तरह से किया जा सकता है, इसके बारे में भी बताएंगे। इस पानी को लंबे समय तक कैसे चलाया जा सकता है इसे लेकर भी जागरूकता फैलाई जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों को वर्षा जल संग्रहण के लिए छोटे-छोटे तालाबों का निर्माण करने के लिए भी कहा गया था, जिसके लिए मनरेगा में भी स्कीम है परंतु गांवों में इस पर भी गंभीरता से काम नहीं हो पाया है। आज भी गांव का बड़ा तालाब बेहद फायदेमंद रहता है। ऐसे तालाबों से भू-जल स्तर पर भी असर पड़ता है। इस तरह की विस्तृत कार्ययोजना को लेकर आने वाले दिनों में आईपीएच विभाग काम करेगा। चैक डैम आदि के लिए एक प्रोजेक्ट भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें भी कई तरह से व्यवस्थाएं होंगी। फिलहाल  हाल ही में आईपीएच विभाग की समीक्षा बैठक में चर्चा में सामने आया है कि सरकारी कार्यालयों में भी नियमों का पालन नहीं हो सका है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी तय नियम नहीें अपनाए जा रहे। आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग को गंभीरता से लिया जाएगा और विभाग विस्तृत कार्य योजना के साथ इस पर काम करेगी। सरकारी भवनों में इन स्ट्रक्चर की व्यवस्था के साथ लोगों को भी जागरूक किया जाएगा।

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