गुणकारी है फालसा

By: Jun 16th, 2018 12:05 am

आज के बदलते लाइफस्टाइल में लोगों के खाने -पीने का तरीका बिलकुल बदल गया है।  लोग बाजारी फास्ट फूड को खाना पसंद करते हैं , लेकिन यह हमारी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे सेहत से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। इनकी जगह पर हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें, तो सेहत से जुड़ी कई परेशानियों से दूर रहा जा सकता है। इसी तरह गर्मी में तरबूज और खरबूजा खाना तो फायदेमंद होता है, लेकिन इस मौसम में आने वाला फल फालसा भी सेहत के लिए लाभकारी है। छोटे-छोटे गोल-मटोल, गहरे बैंगनी रंग के नरम और रसीले फालसे का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। पके हुए फालसे को नमक, काली मिर्च और चाट मसाला मिलाकर खाया ही नहीं जाता, बल्कि इसका शरबत भी काफी लोकप्रिय है। फालसा में गर्मी के मौसम से संबंधित समस्याओं को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है।

इन्फेक्शन : फालसा में एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व काफी मात्रा में होने से यह शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है। इस फल में मौजूद मैगनीशियम, पोटाशियम, सोडियम, फास्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन,  विटामिन ए और विटामिन सी जैसे पोषक तत्त्व हमारे शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा करते हैं।

पाचन क्रिया और पित्त : गर्मी के मौसम में सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने के लिए फालसे का रस  शरीर के लिए टॉनिक का काम करता है। यह गर्मी में होने वाली पित्त को दूर करता है और हमारी पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है।

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल : इस फल में विटामिन सी और खनिज तत्त्व भरपूर मात्रा में होते हैं इसलिए फालसा के सेवन से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल में रहता है।

 कैंसर : एक रिसर्च से इस बात का पता लगा है कि फालसा में रेडियोधर्मी क्षमता अधिक होने के कारण यह कैंसर की बीमारी से लड़ने में भी शरीर को मदद करता है।

 एनीमिया : इस फल को खाने से एनीमिया का रोग ठीक हो जाता है और शरीर में हिमोग्लोबिन बढ़ जाता है ।

बुखार : गर्मी के मौसम में अकसर लू लगने से बुखार जैसी बीमारियां हो जाती हैं। इनसे बचने के लिए इस फल का सेवन करना लाभदायक होता है।

खांसी-जुकाम : इस फल का खट्टा-मीठा रस खांसी-जुकाम को रोकने और गले में होने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए काफी लाभकारी है।  धूप में रहने के कारण शरीर के खुले अंगों पर होने वाली लालिमा, जलन, सूजन और कालेपन को दूर करने में भी यह मददगार है।  त्वचा के कटने, छिलने, जलने, दर्दनाक चकत्ते पड़ने, फोड़े होने, एग्जिमा, त्वचा संबंधी रोगों में फालसा की पत्तियों को रात भर भिगोने के बाद घिस कर लगाने से लाभ होता है।

यह एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। तने की छाल का अर्क बुखार को कम करने और दस्त के इलाज में प्रभावकारी है।

जड़ की छाल का प्रयोग गठिया के इलाज के लिए किया जाता है। इसके बीज से जो तेल निकलता है, उसे प्रजनन संबंधी समस्याओं के निवारण में इस्तेमाल किया जाता है। अत्यधिक प्यास लगने पर फालसे के रस में चीनी या मिसरी मिलाकर पीने से शीघ्र लाभ मिलता है।

पेट दर्द होने पर अजवायन को फालसे के शरबत के साथ खाएं। पेट की अन्य तकलीफों से भी मुक्ति मिलेगी। फालसे की चटनी से भोजन जल्दी पच जाता है।


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