पनामा पेपर्स ने खोला धनकुबेरों का चिट्ठा
नई दिल्ली— पनामा पेपर्स फिर चर्चा में आ गए हैं। दो साल पहले पनामा के लॉ फर्म मोस्साक फॉन्सेका के कुछ लीक पेपर्स में यह बात सामने आई थी कि भारत सहित दुनिया के कई प्रमुख लोगों, कारोबारियों ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देशों में काला धन छिपाया है। अब फिर इस फर्म के कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं, जिनमें कई नए नाम सामने आए हैं और पुराने कारोबारियों पर टैक्स चोरी के आरोप कुछ पुख्ता हुए हैं। खबर के अनुसार, इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ने 12 लाख से ज्यादा नए दस्तावेजों की जांच की है। इनमें से कम से कम 12,000 नए दस्तावेज भारतीयों से संबंधित हैं। दो साल पहले सामने आए मोस्साक फॉन्सेका के दस्तावेज में 500 भारतीयों का नाम था। पनामा पेपर्स सबसे पहले जर्मनी के अखबार स्यूज डोयचे जेइटुंग को मिले थे। लीक हुए पनामा पेपर्स में कई नए दिग्गज भारतीय कारोबारियों के नाम सामने आए हैं। इनमें पीवीआर सिनेमा के मालिक अजय बिजली और उनके परिवार के सदस्य, हाइक मैसेंजर के सीईओ और टेलीकॅम दिग्गज सुनील मित्तल के बेटे कवीन मित्तल, एशियन पेंट्स के सीईओ अश्विन दानी के बेटे जलज दानी शामिल हैं। दो साल पहले लीक हुए पेपर्स में अमिताभ बच्चन का नाम तीन कंपनियों लेडी शिपिंग, ट्रेजर शिपिंग और सी बल्क शिपिंग से जोड़ा गया था, लेकिन तब उन्होंने इन कंपनियों या टैक्स हैवन देश में किसी एसेट से जुड़ाव से इनकार किया था।
1140 करोड़ के अघोषित विदेशी निवेश का खुलासा
नई दिल्ली — लीक हुए पनामा पेपर के आधार पर आयकर विभाग ने 426 मामलों की जांच पड़ताल की है, जिनमें से 74 के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है और उनमें से 12 में 1140 करोड़ रुपए के विदेशों में अघोषित निवेश का खुलासा हुआ है और जो नए मामले प्रकाश में आए हैं, उन पर भी त्वरित कार्रवाई की जाएगी। आयकर विभाग ने कहा कि पनामा पेपर लीक के बाद उसने 426 मामलों की जांच शुरू की थी, जिनमें से 352 मामले कार्रवाई योग्य नहीं पाए गए और 74 मामलों को कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया गया है। 62 मामलों में तेजी से कार्रवाई की गई और 50 मामलों में तलाशी भी की गई और 12 मामलों के सर्वेक्षण में 1140 करोड़ रुपए के विदेशों में अघोषित निवेश का खुलासा हुआ।
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