पूरी तरह बंद रहेंगे आंगनबाड़ी केंद्र

By: Jun 6th, 2018 12:05 am

ऊना में आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज यूनियन की बैठक दौरान लिया गया निर्णय

ऊना – जिला ऊना में सात जून को आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से बंद रहेंगे, तथा शिमला महापड़ाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। यह निर्णय आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज यूनियन की बैठक के दौरान लिया गया। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष नरेश शर्मा ने की। बैठक में जिला सचिव सीटू गुरनाम सिंह, राज्य महासचिव आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज यूनियन राजकुमारी, राज्य कमेटी सदस्य नीलम जसवाल शामिल हुए। जिलाध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि हिमाचल की प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज की मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही। उल्टा राज्य सरकार ने तीन से छह वर्ष के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करने का निर्णय लिया है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा बाल विकास परियोजनाओं को दिए निर्देश में साफ कहा है कि तीन से छह वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार दिया जाए, ताकि बच्चों का बहुमुखी विकास हो तथा कुपोषण खत्म किया जा सके। केंद्र की मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है, कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों व अन्य लाभार्थियों को मिलने वाले पोषाहार का पैसा माताओं के बैंक खाते में डाल दिया जाए। अगर केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय से यह आदेश लेने में सफल हो जाती है, तो देश में तथा प्रदेश में सभी राज्यों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लग जाएंगे। लाखों आंगनबाड़ी वकर्ज एवं हेल्पर्ज की नौकरी से छुटटी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने कई राज्यों में आंगनबाड़ी केंद्रों को गैर सरकारी संस्थाओं व निजी हाथ में देने का निर्णय लिया है। आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज यूनियन यह मांग करती है कि देश के अन्य राज्यों हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, केरल और मध्य प्रदेश की तर्ज पर मासिक वेतन व अन्य सुविधाएं दी जाएं। जबकि हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्ज का वेतन 11400, मध्य प्रदेश में 10000 रुपए दिया जाता है, परंतु हिमाचल प्रदेश में आंगनबाड़ी वर्कर्ज का मानदेय 4800 रुपए व हेल्पर्ज को 2400 रुपए दिया जाता है। महंगाई कई गुना बढ़ गई है। शिक्षा, दवाई इत्यादि सब कुछ महंगा हो गया है। जबकि मंत्रियों व सांसदों के वेतन कई गुना बढ़ गए हैं। राज्य व केंद्र सरकार की सभी परियोजनाओं को गांव स्तर पर आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज ही लागू करती हैं। मगर उनके मामले में मानदेय में राज्य व केंद्र सरकार कोई बढ़ोतरी नहीं कर रही है। हरियाणा की तर्ज पर अांगनबाड़ी वर्कर्ज को 11500 व हेल्पर्ज को 6000 रुपए मानदेय दिया जाये। हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्ज को वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए। सेवानिवृत्त होने वाली आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हेल्पर्जको कम से कम 2000 रुपए पेंशन व दो लाख रुपए ग्रेच्युटी दी जाए।  एनआरएचएम की बकाया राशि जो कि मई 2013 से मार्च 2015 तक लंबित पड़ी है उसका भुगतान जल्द किया जाए। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत वर्कर्ज को अन्य आंगनबाड़ी वर्कर्ज के समान वेतन दिया जाए व पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों का दर्जा दिया जाए।  इस अवसर पर मीटिंग में निर्मल सैणी, प्रवीण घंडावल, सुषमा, शारदा, नीलम, कमलेश सरोज रमा शर्मा, मीना, नीलम, आशा, नीलम शर्मा, दीशा, सुषमा, अनुराधा इत्यादि व्यक्ति उपस्थित रहे।

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