भारत की सख्ती से बिदका चीन

By: Jun 21st, 2018 12:04 am

पाकिस्तान के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के अपने राजदूत के बयान से बनाई दूरी

बीजिंग— चीन ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के बैनर तले भारत, चीन एवं पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय सहयोग कायम करने के अपने राजदूत के हालिया बयान से बुधवार को दूरी बना ली। हालांकि, चीन ने आपसी विश्वास में सुधार की खातिर भारत एवं पाकिस्तान के बीच संवाद मजबूत करने की अहमियत पर जोर दिया। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने एससीओ के तत्वावधान में भारत, चीन एवं पाकिस्तान के बीच त्रिपक्षीय सहयोग के विचार का समर्थन करते हुए कहा था कि इससे भविष्य में नई दिल्ली एवं इस्लामाबाद के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने और शांति कायम रखने में मदद मिलेगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से जब लुओ के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत एवं पाकिस्तान चीन के मित्र एवं पड़ोसी हैं। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान और भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ संबंध बनाए रखना चाहते हैं ताकि इस क्षेत्र के बेहतर विकास एवं स्थिरता के लिए हमारा सहयोग मजबूत हो सके। गेंग ने कहा कि हमें यह उम्मीद भी है कि भारत, पाकिस्तान अपने संवाद मजबूत कर सकते हैं, ताकि उनके द्विपक्षीय संबंधों में आपसी विश्वास में सुधार हो। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन लुओ की टिप्पणियों से दूरी बना रहा है, इस पर गेंग ने कहा कि मैंने जो कुछ कहा, वह चीनी पक्ष की आधिकारिक स्थिति है। चीनी दूतावास द्वारा इसकी वेबसाइट पर डाली गई ट्रांसक्रिप्ट (लिखित सामग्री) से राजदूत की टिप्पणियां हटाने के बारे में पूछे गए सवाल का भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। भारत में चीनी राजदूत लुओ ने यह भी कहा था कि भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध डोकलाम जैसी एक और घटना का तनाव नहीं झेल सकते। उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों की बैठक के जरिए सीमा मुद्दे पर परस्पर स्वीकार्य समाधान  तलाशने की जरूरत पर भी जोर दिया था।

आतंक को शह दे रहे पाक को उपनिवेश बना रहा डै्रगन

एम्सटर्डम (नीदरलैंड्स) — आतंक को समर्थन देने की वजह से पाक के अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग पड़ते जाने का चीन फायदा उठा रहा है। इतना ही नहीं वह अच्छे से वाकिफ है कि पाक के प्रति उसके संरक्षक सरीखे रवैए से आखिरकार इस्लामाबाद एक ऐसे उपनिवेश में तबदील हो जाएगा जो अपने रोजमर्रा की जरूरतों के लिए चीन पर निर्भर होगा। यह आंकलन है नीदरलैंड्स आधारित एक जाने-माने अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक का। एम्सटर्डम बेस्ड यूरोपियन फाउंडेशन ऑफ साउथ एशियन स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जब तक पाकिस्तान एक अन्य ईस्ट इंडिया कंपनी (यानी चीन पाक आर्थिक गलियारा या सीपीईसी  प्रोजेक्ट) की छाया में रहेगा और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा की अहमियत को नहीं समझेगा, तब तक राष्ट्रीय विकास की कोई भी कोशिश राष्ट्रीय आपदा में तबदील होती रहेगी।


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