सवा लाख में बिक गया ईपीएफओ अधिकारी
ईपीएफ गोल करने को ली रिश्वत, जीवीके कंपनी का एचआर भी अरेस्ट
शिमला— सीबीआई ने ईपीएफओ के एक अधिकारी को 1.25 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने इस मामले में जीवीके कंपनी के अधिकारी को भी धरा है। दोनों के बीच कंपनी के कर्मचारियों की ईपीएफ का सेटलमेंट करवाने को लेकर डील हुई थी। मामले में कुछ अन्य सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी भी सीबीआई की राडार पर हैं। जीवीके कंपनी के कर्मचारियों के ईपीएफ की देनदारियों का सेटलमेंट करने को लेकर हुई डील का पर्दाफाश करते हुए सीबीआई ने ईपीएफओ के इन्फोर्समेंट अफसर दुर्गा सिंह संघईक को रंगे हाथों धरा है। सीबीआई ने निजी कंपनी द्वारा ईपीएफ में की जा रही गड़बड़ की शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की है। सीबीआई ने कंपनी के एचआर हैड रवि को गिरफ्तार किया है। सूचना के अनुसार सीबीआई द्वारा कंपनी के कार्यालय पर दबिश दी गई। इस दौरान सीबीआई ने कर्मचारी भविष्य निधि के इन्फोर्समेंट अफसर दुर्गा सिंह संघईक और कंपनी के एचआर हैड रवि को गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने डील के तौर पर ली गई 1.25 लाख की राशि भी बरामद की है। जीवीके कंपनी राज्य में बीते कई सालों से 108 के नाम से एंबुलेंस सेवा चला रही है, जिसका कार्यालय सोलन के धर्मपुर में है। जानकारी के अनुसार सीबीआई को शिकायत मिल रही थी कि ईपीएफओ बद्दी में तैनात इन्फोर्समेंट आफिसर दुर्गा सिंह संघईक ईपीएफ के केसों के सेटलमेंट के लिए भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त है। इसके साथ शिमला और सोलन में कुछ निजी कंपनियों में काम करने वाले लोग भी इस काम में शामिल हैं। शिकायत में कहा गया था कि उक्त ईपीएफओ अधिकारी अपने अधीन के निजी प्रतिष्ठानों, निर्माण उद्योगों, कंपनियों को उनकी ईपीएफ संबंधी वित्तीय देनदारियों और दायित्वों से बचाने के लिए इन कंपनियों के अधिकारियों के साथ मिला हुआ है।
इस तरह सामने आया सच
ईपीएफओ अधिकारी दुर्गा सिंह संघईक को जीवीके कंपनी के निरीक्षण का काम सौंपा गया था, जिसने वहां पर ईपीएफ से सबंधित रिपोर्ट को तैयार करनी थी। इसके लिए 30 मई को उसने कंपनी का निरीक्षण किया। कंपनी के अधिकारी रवि ने दुर्गा सिंह के साथ ईपीएफ संबंधी देनेदारियों की सेटलमेंट करने का सौदा किया, ताकि कंपनी के पक्ष में रिपोर्ट तैयार हो सके। यह सौदा सवा लाख में किया गया। इसके तहत 18 जून को पहली किस्त के तौर पर 80 हजार ईपीएफओ अधिकारी को दिए गए, जबकि अंतिम किस्त 21 जून को दी जानी थी। सीबीआई ने कंपनी के धर्मपुर कार्यालय में रेड की और ईपीएफओ अधिकारी 1.25 लाख की राशि के साथ रंगे हाथों धर लिया। साथ में कंपनी अधिकारी रवि को भी गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने ईपीएफओ अधिकारी और 108 एंबुलेंस सेवा कंपनी के अधिकारियों पर खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून (पीसी एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया है।
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