कैसे करें ध्यान…

By: Jul 28th, 2018 12:05 am

श्रीश्री रवि शंकर

ध्यान वास्तव में विश्राम का समय है, इसलिए इसे अपनी सुविधा के अनुसार करें। ऐसा समय चुनना चाहिए जब एकांत हो और आपको किसी प्रकार की जल्दी नहीं हो। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जब प्रकृति दिन और रात में परिवर्तित होती है, यह समय ध्यान का अभ्यास करने लिए सबसे आदर्श है।

शांत स्थान- सुविधाजनक समय के साथ सुविधाजनक स्थान को चुने जहां आप को कोई परेशान न कर सके। शांत और शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान के अनुभव को और अधिक आनंदमय और विश्रामदायक बनाता है।

आराम से बैठें- ध्यान के समय सुखद और स्थिर बैठना बहुत आवश्यक है। आप ध्यान करते समय सीधे बैठें और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें, अपने कंधे और गर्दन को विश्राम दें और पूरी प्रक्रिया के दौरान आंखे बंद ही रखें। ध्यान करते समय आप आराम से चौकड़ी मार कर (आलती-पालती) बैठ सकते हैं, पद्मासन में बैठने की आवयश्कता नहीं है।

पेट को खाली रखें– भोजन से पहले समय ध्यान के लिए अच्छा होता है। भोजन के बाद आप को नींद लग सकती है। जब आप को काफी भूख लगी हो, तो ध्यान करने का अधिक प्रयास न करें। भूख की ऐंठन के कारण आपको इसे करने में कठिनाई होगी और हो सकता है कि पूरे वक्त आप सिर्फ खाने के बारे में सोचें। ऐसे में आप भोजन के दो घंटे उपरांत ध्यान कर सकते हैं।

वार्मअप से शुरू  करें – ध्यान के पहले थोड़ी देर का वार्मअप या सूक्ष्म योग करने से आपके रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, शरीर की जड़ता और बैचेनी दूर होती है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। इससे आप स्थिरता के साथ अधिक समय बैठ सकते हैं।

कुछ लंबी गहरी सांसें लीजिए- ध्यान के पहले गहरी सांस लेना और छोड़ना और नाड़ी शोधन प्राणायाम करना अच्छा होता है। इससे सांस की लय स्थिर हो जाती है और मन शांतिपूर्ण ध्यान अवस्था में चला जाता है।

अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान बनाकर रखें – अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान लाने से आप अपनेआप में फर्क महसूस करेंगे। एक निरंतर सौम्य मुस्कान से आप आराम और शांति महसूस करेंगे और यह आपके ध्यान के अनुभव को बढ़ाता है।

अपनी आंखों को धीरे- धीरे सौम्यता से खोलें – जैसे आप ध्यान के अंत में पहुंचे, तो अपनी आंखों को खोलने में जल्दी न करें। आंखें खोलने पर मन बाहरी चीजों के तरफ भागने लगता है, इसलिए ध्यान के पश्चात आंखें धीरे-धीरे खोलें। अपने प्रति और वातावरण के प्रति सजग होने के लिए समय लें।

यदि आप जीवन में उत्साह की कमी महसूस कर रहे हैं और आपकी भावनात्मक समस्याएं आपके काम पर असर डाल रही हैं, तो आपको ध्यान अवश्य करना चाहिए। आपके दैनिक जीवन की समस्याओं को संभालने के लिए ध्यान बहुत आवश्यक है। ध्यान से मन एकाग्र होता है। ध्यान के समय मन के अंदर एक अलग ही सुकून और शांति का अनुभव होता है। ध्यान जीवन में तनाव को दूर करके आनंद से भर देता है। ध्यान करने के लिए पहले मन को लय में लाना जरूरी है।


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