जनसंख्या नियंत्रण जरूरी

By: Jul 12th, 2018 12:05 am

राजेश कुमार चौहान

भारत जनसंख्या के आधार पर दुनिया में दूसरे पायदान पर है। अगर देश में जनसंख्या नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए, तो वह दिन दूर नहीं है, जब भारत दुनियाभर में विकास के क्षेत्र में तो नहीं, बल्कि जनसंख्या में नंबर वन जरूर बन जाएगा। भारत में विभिन्न समस्याओं, जैसे बेरोजगारी, गरीबी, बढ़ते कंकरीट के जंगलों का मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि ही है। सरकार ने मृत्यु दर नियंत्रण के लिए बेशक सराहनीय कदम उठाए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के प्रति गंभीर न हों। जनसंख्या वृद्धि देश के विकास की राह में बाधा तो है ही, साथ में गरीब लोगों की गरीबी बढ़ाने वाली भी है। कुछ गरीब लोग अपनी कमाई बढ़ाने के चक्कर में ज्यादा बच्चे पैदा कर लेते हैं, जिससे उनकी कमाई तो बढ़ती नहीं, उल्टा ऐसे गरीब लोग गरीबी के दलदल में और धंस जाते हैं। फिर लोग गरीबी और अन्य समस्याओं के लिए सरकार को ही दोष देते हैं। माना कि सरकारों की कुछ गलत नीतियां दोषी हैं, लेकिन लोगों की बच्चे पैदा करने वाली संकीर्ण सोच कम जिम्मेदार नहीं है। जनसंख्या वृद्धि के लिए गरीब या अशिक्षित लोग ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि पढ़े-लिखे अमीर वे लोग भी जिम्मेदार हैं, जो लड़के की चाहत, पिंडदान जैसी रूढि़वादी सोच अपने दिमाग में पाले रखते हैं। जब तक लोग जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक नहीं होंगे, तब तक देश की कुछ समस्याएं तो कभी समाप्त नहीं होंगी, चाहे सरकार भी इनके लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा ले। अब समय आ चुका है कि सरकार देश में बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए गंभीरता दिखाते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर, इसे गंभीरता से लागू करे और इस कानून के अंदर सभी धर्मों, संप्रदाय के लोगों को लाया जाना चाहिए, ताकि बढ़ती हुई यह आबादी नियंत्रित हो सके।

 


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