जीएसटी ने बढ़ाया कारोबारियों का काम

By: Jul 2nd, 2018 12:05 am

देशभर में एक समान टैक्स लगाने, व्यापार में पारदर्शिता लाने, राजस्व बढ़ाने और कागजी कार्रवाई को समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने बीते वर्ष पहली जुलाई , 2017 को जीएसटी लागू किया। इससे व्यापरियों को उम्मीद थी कि अब बेवजह के पचड़े में नहीं पड़ना पड़ेगा, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद भी असर मिला-जुला ही देखने को मिला है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू हुए एक साल हो गया है, लेकिन व्यापारियों के लिए जीएसटी सरल नहीं बन सका है। उनका व्यापार मुनीम और सीए के भरोसे चल रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद कई व्यापारियों ने विरोध का स्वर उठाया, लेकिन किसी की एक भी नहीं चली । हालांकि व्यापारियों को वाणिज्यकर कार्यालय जाने से जरूर मुक्ति मिल गई है …

धीरे-धीरे मिल रही राहत

पवन मल्होत्रा का तर्क है कि जीएसटी कर प्रणाली में अभी ओर सुधार होना चाहिए। इस कर प्रणाली के तहत उगाही की अवधि को कम से कम छह माह करना चाहिए। मासिक कर जमा करवाने की व्यवस्था से दुकानदारों को मुश्किलें पेश आ रही है। पवन मल्होत्रा का कहना है कि जीएसटी लागू होने के आरंभिक दौर में मुश्किलें पेश आई। मगर अब धीरे- धीरे कारोबार पटरी पर लौट रहा है।

…और बढ़ गई टेंशन

भारत वैद का कहना है कि जीएसटी बड़ी जटिल कर प्रणाली है। इससे व्यापारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई व्यापारी कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं रख पाते, जिससे हर खरीद- फरोख्त को अपडेट करने में मुश्किलें आती हैं। इसके अलावा वस्तुओं पर कर निर्धारण की अलग- अलग व्यवस्था से भी दिक्कतें पेश आ रही हैं। इससे व्यापारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ भी बढ़ा है। इस कर प्रणाली में सरलीकरण की आवश्यकता है।

जीएसटी से भी नहीं रुकी कर चोरी

राजेश महाजन का कहना है कि जीएसटी लागू होने के बावजूद कर चोरी पर कोई खास लगाम नहीं लग पाई है। सरकार को कर चोरी पर लगाम लाने के लिए सरकार को ओर कड़े कदम उठाने चाहिए। जीएसटी एक्ट के लंबे प्रावधानों में हिसाब- किताब रखने में छोटे कारोबारियों को दिक्कतें आ रही हैं।

छोटे कारोबारी झेल रहे दिक्कत

गौरव ग्रोवर का कहना है कि जीएसटी से देश में कर चोरी पर लगाम लगी है। गौरव का मानना है कि किसी भी नई व्यवस्था के लागू होने से मुश्किलें तो पेश आती हैं।  अभी जीएसटी को पूरी सुदृढ़ होने में वक्त लगेगा। मगर इस कर प्रणाली में छोटे कारोबारियों को छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि इस कर प्रणाली की जटिलता से छोटे कारोबारियों को दिक्कतें हो रही हैं।

जीएसटी से काम का बोझ बढ़ा

योगेश कुमार का कहना है कि जीएसटी कर प्रणाली लागू होने से काम का बोझ बढ़ा है।  जीएसटी के तहत मासिक कर जमा करवाने की अवधि को छोटे कारोबारियों के लिए कम से कम तीन माह करना चाहिए। जीएसटी के लागू होने पर कुछेक भ्रांतियों के चलते मुश्किलें पेश आई, लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं आ रही।

जीएसटी से लोगों को फायदा

वीरेंद्र प्लाह ने जीएसटी को देशहित में बताया। उनका कहना है कि ईमानदारी से कारोबार करने और कर अदा करने वाले दुकानदारों के लिए इससे कोई मुश्किल नहीं है। वीरेंद्र प्लाह ने जीसएटी कर प्रणाली को देशहित में बताया। जीएसटी से कर चोरी के मामलों पर भी काफी हद तक अंकुश लगा है।


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