टूअर एंड ट्रैकिंग गाइडिंग चलता-फिरता करियर

By: Jul 11th, 2018 12:15 am

इस काम में आपको अपने देश की संस्कृति और परंपराओं से विदेशी पर्यटकों को अवगत कराने का अवसर तो मिलता ही है, साथ ही आपको दूर-दूर से आने वाले मेहमानों से रू-ब-रू होने का मौका भी मिलता है…

अगर आपको  घूमना- फिरना और लोगों से बात करना बहुत पसंद है, तो टूरिस्ट या ट्रैकिंग गाइड बनना आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। इस क्षेत्र में कमाई की कमी नहीं है, क्योंकि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिशों में लगी हुई हैं। इस काम में आपको अपने देश की संस्कृति और परंपराओं से विदेशी पर्यटकों को अवगत कराने का अवसर तो मिलता ही है, साथ ही आपको दूर-दूर से आने वाले मेहमानों से रू-ब-रू होने का मौका भी मिलता है। इसीलिए टूरिस्ट गाइड का करियर एक आकर्षक विकल्प के तौर पर उभर रहा है। देश में टूरिस्ट गाइड बनने के लिए भारतीय पर्यटन विभाग से टूरिस्ट गाइड का लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए एक परीक्षा होती है। इस परीक्षा में वही अभ्यर्थी बैठ सकते हैं,  जिनके पास जरूरी क्वालिफिकेशन हो।

कुछ कौशल भी हैं जरूरी

एक टूअर गाइड को अपने काम के दौरान बहुत अधिक घूमना-फिरना पड़ता है, इसलिए उसका शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम होना बेहद आवश्यक है। इतना ही नहीं, टूअर गाइडिंग के काम में नई जगहों, लोगों व क्लाइंट्स से साथ घूमना होता है, इसलिए आपकी कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होनी चाहिए। साथ ही किसी भी विपरीत परिस्थिति को अच्छी तरह से हैंडल करना आना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिस जगह वह जा रहा है, पहले से ही उसे जगह की पर्याप्त जानकारी होनी आवश्यक है, तभी आप अपने क्लाइंट को अच्छी तरह संतुष्ट कर पाएंगे। अगर आप करियर में नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आपको कुछ क्षेत्रीय, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का ज्ञान हो। ऐसे में आप सिर्फ  देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में टूअर गाइड बनकर अपने काम को अंजाम दे पाएंगे। नई जगहों के बारे में जानने व अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाने के लिए आपको इंटरनेट पर थोड़ा रिसर्च वर्क व किताबें पढ़ने का शौक भी होना चाहिए।

कोर्स और क्वालिफिकेशन

ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट नाम से देश के कई प्राइवेट संस्थान और सरकारी संस्थान कोर्स कराते हैं। टूअर एंड ट्रैवल मैनेजमेंट में आप 12वीं के बाद या स्नातक के बाद कोर्स कर सकते हैं।

देश के अलग-अलग संस्थान टूरिज्म ट्रैवल एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट में शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स संचालित करते हैं, जिसमें इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  ट्रैवल एंड टूरिज्म, आईआईटीएम सबसे खास है। इस संस्थान की शाखाएं देश के कई प्रमुख शहरों में हैं।

टूरिस्ट गाइड में डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने के बाद आपको प्रमाणित लाइसेंस मिलता है। इस फील्ड में ऊंचाई तक पहुंचने के लिए आपके पास संबंधित डिग्री डिप्लोमा के साथ हिंदी या स्थानीय भाषा के अलावा आपको अंग्रेजी या कोई अन्य विदेशी भाषा का आना जरूरी है।

प्रमुख संस्थान

 इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

 दि टूरिज्म स्कूल, नई दिल्ली

 अकबर एकेडमी ऑफ  ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट स्टडीज, विभिन्न केंद्र

 इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट, ग्वालियर

संभावनाओं का संसार

चूंकि पर्यटन कार्य देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है, इसलिए सरकार द्वारा भी पर्यटन क्षेत्र को काफी प्रोत्साहन दिया जाता है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में काम की कोई कमी नहीं है। दरअसल केंद्रीय व राज्य सरकारों का पर्यटन विभाग आवश्यकता के अनुसार टूअर गाइड को काम देता है। ऐसे में अगर आप चाहें तो भारत पर्यटन विकास निगम व राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा स्वीकृत नौकरियों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। वहीं, प्राइवेट सेक्टर में भी आपके पास नौकरियों की ढेरों संभावनाएं मौजूद हैं।

प्राइवेट सेक्टर में आप किसी टूअर आपरेर्ट्स, ट्रैवल एजेंसी, होटल या ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री, एयरलाइंस या क्रूज लाइनों के साथ काम कर सकते हैं। वैसे टूअर गाइड के लिए ऑनलाइन दुनिया में भी नौकरी की कोई कमी नहीं है। विभिन्न टूरिंग वेबसाइट भी लोगों की सुविधा के लिए उन्हें टूअर गाइड सेवाएं प्रदान करती हैं। अगर आप किसी कंपनी में नौकरी नहीं करना चाहते, तो बतौर फ्रीलांसर भी विभिन्न कंपनियों में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। वैसे कुछ सालों के अनुभव के पश्चात खुद की ट्रैवल एजेंसी खोलना भी एक अच्छा आइडिया हो सकता है।

आमदनी

इस क्षेत्र में आपकी सैलरी आपके ज्ञान, मेहनत, व अपने स्किल्स पर निर्भर करती है। अगर आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं, तो आपको शुरुआती दौर में दस से बीस हजार रुपए प्रतिमाह पर आसानी से मिल जाते हैं। वहीं, फ्रीलांसर के तौर पर आपकी आमदनी आपको मिलने वाले काम पर निर्भर करेगी। वैसे एक फ्रीलांसर आमतौर पर एक दिन का हजार रुपए या उससे भी अधिक कमा सकता है। छुट्टियों के दिनों में या पीक सीजन में आपकी आमदनी चालीस से पचास हजार रुपए प्रतिमाह भी हो सकती है।

मान्य संस्थान  से करें बेसिक कोर्स

अश्वनी कुमार

ज्वाइंट डायरेक्टर, अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान, मनाली

ट्रैकिंग गाइड में  करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने अश्वनी कुमार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

ट्रैकिंग गाइड में करियर की संभावनाएं क्या हैं?

ट्रैकिंग गाइड का कोर्स करने के बाद युवा रेस्क्यू सेवा प्रदान करवाने वाली एजेंसियों में काम कर सकते हैं। इसके अलावा युवा अपनी ट्रैकिंग एजेंसी भी खोल सकते हैं।

इसमें आरंभिक वेतनमान व आय कितनी है?

टै्रकिंग गाइड का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवा इस क्षेत्र में अच्छा पैसा कमा सकते हैं। युवा जहां एक दिन की ट्रैकिंग का एक  से 15 हजार रुपए अपनी फीस चार्ज कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के पर्यटक स्थलों के समीप मौजूद ट्रैकिंग रूट्स की दूरी को देख कर पैकेज के तहत हजारों रुपए कमा रहे हैं।

इस फील्ड में कार्य करने के लिए क्या-क्या शैक्षणिक योग्यताएं होनी चाहिएं?

इस फील्ड में आने के लिए व्यक्ति को कम से कम दसवीं पास होना जरूरी है। व्यक्ति को हिंदी व अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी होना चाहिए।

इस फील्ड में आने वाले युवाओं में क्या-क्या विशिष्ट गुण होने चाहिएं?

ट्रैकिंग गाइड बनने के लिए युवा में सबसे पहले उसे पहाड़ चढ़ने में दिलचस्पी होनी चाहिए। युवा शारीरिक तौर पर फिट होना चाहिए।

इस व्यवसाय पर ग्लोबलाइजेशन के क्या-क्या प्रभाव पड़ रहे हैं?

ग्लोबलाइजेशन से इस व्यवसाय पर जो प्रभाव पड़ा है, वह इसके लिए लाभदायक ही हुआ है। देश-विदेश से आने वाले सैलानियों की संख्या हिमाचल में बढ़ी है, जिससे उक्त व्यवसाय भी अच्छा चमका है।

कहां-कहां से इस पाठ्यक्रम में पढ़ाई की जा सकती है?

माउंटनेरिंग इंस्टीच्यूट दार्जिलिंग, उत्तराखंड, गुलमर्ग जम्मू- कश्मीर व मनाली में अच्छे संस्थान हैं।

इस फील्ड में किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

युवाओं को हर चीज का ज्ञान होना चाहिए। ट्रैकिंग पर जाने वाले युवा को रिवर क्रॉसिंग, रॉक कलाइमिंग व फर्स्ट एड की जानकारी होना बेहत जरूरी है। आपातकाल में ट्रैकरों को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, उसमें उक्त चीजें अहम हैं। इसके अलावा ट्रैकिंग गाइड को जड़ी-बुटियों का ज्ञान होना भी जरूरी है।

इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं को कोई प्रेरणा संदेश दें।

इस फील्ड में करियर बनाने वाले युवाओं को मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा, ट्रैकिंग गाइड बनने से पहले व ट्रैकिंग एजेंसी खोलने से पहले किसी मान्यता प्राप्त माउंटेनियरिंग संस्थान से बेसिक कोर्स जरूर करें। इसके अलावा इस काम से जुड़ी हुई हर बारीकी को अच्छी तरह से सीखें। इस फील्ड में युवा अच्छा पैसा भी कमा सकते हैं।

-आशीष शर्मा, मनाली


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