डाक्टर के लिखने पर ही दें इंसुलिन सिरिंज

By: Jul 29th, 2018 12:05 am

धर्मशाला —जिला कांगड़ा में मेडिकल स्टोर संचालकों को शैड्यूल एच-1 में शामिल दवाइयों की बिक्री का पूरा रिकार्ड रखना होगा। इन दवाइयों को बेचने संबंधी रिकार्ड मेडिकल स्टोर संचालक के पास न होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।  साथ ही जिला भर में संचालित मेडिकल संचालकों को इंसुलिन सिरिंज युवाआें को न बेचने के आदेश जारी किए गए हैं। इस सिरिंज को खरीदने के लिए डाक्टर के परामर्श की पर्ची साथ होना आवश्यक होगा। सिरिंज का नशे में हो रहे प्रयोग को ध्यान में रखते हुए दवा नियंत्रक ने यह आदेश जारी किए हैं। इन आदेशोंे की अवहेलना करना मेडिकल स्टोर संचालकों को महंगा पड़ेगा। रोगों के उपचार के लिए दी जाने वाली इन दवाइयों के लगातार प्रयोग करते रहने के चलते मरीज इसके आदि भी हो जाते हैं तथा इनका नशे के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है। दवाइयों के दुरुप्रयोग को रोकने के लिए मेडिकल स्टोर संचालकों को शैड्यूल एच-1 में शामिल सभी दवाइयों की बिक्री का पूरा रिकार्ड रखना होगा। साथ ही बिना डाक्टरी परामर्श के इन दवाइयों को बेचने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, इंसुलिन सिरिंज का नशा करने के लिए प्रयोग किए जा रहे मामले सामने आने के बाद इस सिरिंज की बिक्री को भी बिना डाक्टरी परामर्श के प्रतिबंधित किया गया है। खासकर युवाआें को बिना डाक्टर की पर्ची के यह सिरिंज मेडिकल स्टोर संचालक नहीं बेच सकते हैं। उधर, ड्रग इंस्पेक्टर धर्मशाला प्यार चंद ने बताया कि जिला के मेडिकल स्टोर में शैड्यूल एच-1 में शामिल दवाइयों का पूरा रिकार्ड रखने के आदेश दिए गए हैं। इस रिकार्ड को किसी भी समय मेडिकल स्टोर का निरीक्षण कर देखा जा सकता है। साथ ही इंशुलिन सिरिंज को अब डाक्टर के परामर्श की पर्ची पर ही बेचे जाने के निर्देश दिए हैं।

इयां है शामिल

शैड्यूल एच-1 की दवाइयों में एंटीबायोटिक्स, बुपेरेनॉर्फिन, सेफैड्रोक्साइल, सेफजोलिन, सेफडिनीर, सेफ्टाजडिइम, सेफ्टीजोक्साइम, सेफूरोक्साइम, क्लोर्डियजेपॉक्साइड,  सिप्रोफ्लोक्सासिन, क्लैरिथ्रोमाइसिन, क्लिंडामाइसीन, कोडेन, डेट्रोप्रोपॉक्सीफेन, गैटीफ्लोक्सासिन, डायजेपाम, डिफेनोक्सिलेट


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