ढाका ग्लेशियर पर मिला लापता विमान का मलबा

By: Jul 22nd, 2018 12:20 am

लाहुल की पहाडि़यों में 50 साल पहले हुआ था गायब, एक व्यक्ति के अवशेष भी मिले

मनाली— इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन व ओएनजीसी की संयुक्त टीम को ढाका ग्लेशियर पर वायुसेना के एएन-12 विमान का मलबा व एक व्यक्ति के अवशेष मिले हैं। 50 साल पहले लापता हुए विमान की तलाश के लिए कई बार सर्च आपरेशन चला, लेकिन कामयाबी हाथ न लग सकी। गौर हो कि इस साल जुलाई की शुरुआत में मनाली से इस ग्लेशियर पर सफाई करने के लिए निकली इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन व ओएनजीसी की टीम को अचानक ही वहां पर वायुसेना के एएन-12 विमान का मलबा व कुछ ही दूरी पर एक व्यक्ति के अवशेष मिले। लिहाजा घटना की सूचना रक्षा मंत्रालय को दी गई और अब जल्द ही ढाका ग्लेशियर पर वायुसेना का सर्च आपरेशन चलने वाला है। फिलहाल जिस क्षेत्र में इस टीम को विमान का मलबा व मानव के अवशेष मिले हैं, उस क्षेत्र को चारों तरफ से सील किया गया है। इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन व ओएनजीसी की टीम ने ढाका ग्लेशियर के उस स्थान के फोटो भी रक्षा मंत्रालय को भेज दिए हैं। बताया जा रहा है कि यह विमान वायुसेना का एएन-12 विमान है, जो 1968 में हिमाचल प्रदेश की लाहुल घाटी में चंडीगढ़ से लेह तक उड़ान भरने के दौरान 102 कर्मियों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान के ये अवशेष ढाका ग्लेशियर बेस शिविर में समुद्र तल से 6200 मीटर ऊपर पाए गए हैं। क्लीनअप अभियान में शामिल माउंट एवरेस्ट को 20 साल की उम्र में पार कर चुके पर्वतारोही खिमी राम ने बताया कि उन्हें पहले विमान के कुछ हिस्से मिले। इसके बाद उनकी टीम के सदस्यों ने स्पॉट से कुछ मीटर दूर एक व्यक्ति के शरीर के अवशेष देखे। उनकी टीम ने 16 जुलाई को सेना के पर्वतारोहण संस्थान को भी सूचित कर दिया। उधर, लाहुल-स्पीति के एसपी राजेश धर्माणी ने बताया कि शनिवार को सेना की ओर से वहां दो चौपर उतारे गए और सेना के जहाज के मलबे को साथ ले जाने की जानकारी मिली है।

चंड़ीगढ़ से उड़ान

यह विमान सात फरवरी, 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए रवाना हुआ था। विमान जब रोहतांग पास पर पहुंचा तो मौसम खराब हो गया। पायलट ने वापस लौटने का फैसला किया था। इसके बाद 98 यात्रियों और चालक दल के चार सदस्यों के साथ सोवियत संघ निर्मित विमान सात फरवरी, 1968 को गायब हो गया था। यह विमान रोहतांग पास पर था, जब उसे अंतिम रेडियो संपर्क हुआ था।

पहले भी मिले टुकड़े

साल 2003 में दक्षिणी ढाका ग्लेशियर में हवाई जहाज के मलबे की खोज एबीवी इंस्टीच्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स मनाली द्वारा की गई थी। उस दौरान भी पर्वतारोहियों को एक शरीर के अवशेष मिले थे, जिन्हें बाद में विमान में उड़ान भरने वाले सिपाही बेली राम के रूप में पहचाना गया था। अब विमान के टुकड़े व मानव अवशेष मिलने से मामला फिर गरमा गया है।


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