प्लास्टिक की बोतलों से बनेंगी मूर्तियां

By: Jul 17th, 2018 12:05 am

 बिलासपुर  —पर्यावरण संरक्षण के लिए सकारात्मक पहल को अंजाम देते हुए जिला प्रशासन ने प्लास्टिक कचरे का सही उपयोग करने के लिए नवीनतम सोच अपनाई है, जिसके तहत प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जिला के हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग करने के लिए जिला बिलासपुर में फैले प्लास्टिक कचरे का सदुपयोग करते हुए एक विशालकाय पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती हुई प्रेरणाप्रद आकृति का निर्माण कार्य आरंभ किया गया है। इसके लिए उपायुक्त विवेक भाटिया ने निर्णय लिया है कि क्यों न इस मुहिम में बिलासपुर शहर के हर घर और हर व्यक्ति को जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए शहर से बोतले इकट्ठा करने के लिए विशेषकर नगर परिषद के हर वार्ड के कूड़ा कलेक्शन वाहनों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। हर घर के लोग भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए घर में खाली पड़ी प्लास्टिक की बोतलों को इन वाहनों को सौंपे, ताकि उसका प्रयोग जिला में भव्य विशालकाय आकृति के निर्माण में प्रयोग किया जा सके।  जिला में भव्य विशालकाय मूर्ति का निर्माण प्रदेश के मूर्तिकार विजयराज उपाध्याय द्वारा किया जा रहा है। उपायुक्त ने बताया कि बिलासपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला होगा जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए खाली व बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों का संग्रह कर उन्हें उपयोग में लाकर मूर्ति का निर्माण कर रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता व कतर्व्य निष्ठा दर्शाते हुए अपने आस-पास फैले प्लास्टिक बोतल और कैन को इकट्ठा करके नगर परिषद कार्यालय में तथा कूड़ा उठाने वाले वाहन को दें, ताकि उसका सदुपयोग किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का कचरा जहर से कम नहीं है और प्लास्टिक के कचरे की समस्या से आज कोई गांव व शहर अछूते नहीं हैं। वर्तमान में जगह-जगह प्लास्टिक की बोतल और कैन बिखरे पड़े रहते हैं। इसलिए आने वाले समय में बढ़ते हुए इस खतरे को किसी भी कीमत पर दर किनार नहीं किया जा सकता। न्होंने बताया कि प्लास्टिक के कचरे को इधर-उधर फेंकने से बरसात के मौसम में कचरा बहकर गोबिंदसागर झील में जा रहा जिस वजह से झील के पानी में जहर फैल रहा है व पर्यावरण दूषित हो रहा है। साथ ही मछलियां भी मर रही है।  गौरतलब है कि बिलासपुर जिला के हजारों परिवार मछली व्यवस्याएं से जुड़े हुए हैं, जिससे उनके रोजगार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।  इसलिए प्रशासन ने निर्णय लिया है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए व शहर का सौंदर्यकरण करने के लिए प्लास्टिक की बोतलों के कचरे का सदुपयोग किया जाए और अधिक-अधिक से लोगों को इस अभियान के तहत जोड़ा जाए।

 


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