मानसून में बच्चों के देखभाल

By: Jul 14th, 2018 12:05 am

बरसात के मौसम में स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस मौसम में बीमारियां अधिक होती हैं। बड़े लोग तो मौसम के इस बदलाव को समझ लेते हैं, लेकिन बच्चों को यह बात समझाना बहुत मुश्किल होता है….

मानसून का मौसम बहुत ही खुशहाल और दिल को छू लेने वाला होता है। एक ओर जहां मानसून का सभी को इंतजार रहता हैं, वहीं यह अपने साथ बहुत सारी बीमारियां भी साथ लाता है। गर्मियां हमारा खान-पान से मन हटा देती हैं और गर्मियों में हमारा स्वास्थ्य भी कमजोर हो जाता है। गर्मियों के बाद बरसात के मौसम में स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस मौसम में बीमारियां अधिक होती हैं। बड़े लोग तो मौसम के इस बदलाव को समझ लेते हैं, लेकिन बच्चों को यह बात समझाना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता है कि वह अपने बच्चों की देखभाल करें। आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आपको अपने बच्चों की खातिर मानसून में जरूर अपनाना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वे टिप्स।

हाथों की सफाई- मानसून में आप अपने बच्चों की साफ -सफाई पर विशेष ध्यान दें। सफाई में हाथों की सफाई विशेष आवश्यक है। बच्चे अकसर हाथ धोने में कामचोरी करते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि बच्चों के खाना खाने से पहले हाथ जरूर धुलाएं।

कपड़ों का चुनाव- मानसून के मौसम में ध्यान रखें कि नवजात और खासकर 15 साल तक के बच्चों को हमेशा नर्म, साफ  सुखें और सूती कपड़े पहनाने चाहिएं। यदि उनके कपड़े किसी कारणवश गीले हो गए हैं, तो उनके कपड़े तुरंत ही बदल देने चाहिएं और उन्हें हमेशा पूरी बाजू के कपड़े पहनाने चाहिएं।

बाहर न खेलने दें– मानसून में भीगने का डर अधिक रहता है, इसलिए बच्चों को इनहाउस गेम्स खेलने को ही प्रेरित करें। अपने घर के आसपास पानी न जमा होने दें। मानसून आने से पहले ही साफ.-सफाई की आदत बना लें। बच्चों को इस बारे में जानकारी दें कि इस मौसम में बाहर खेलने से उन्हें किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

ताजा खाना ही खिलाएं- मानसून के मौसम में नवजात की देखभाल में हमेशा बच्चों के खाने में ताजगी का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही उनको हमेशा ताजा और साफ खाना खिलाना चाहिए।

उबाल कर ही पिएं पानी- मानसून के सीजन में सबसे ज्यादा बीमारियां पानी से होती हैं। बच्चों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है, जो जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इसलिए ध्यान रखें कि अपने फ्रिज की बोतलों को बदलने की आदत डालें और बच्चों को उबला हुआ पानी ही दें। बाहर का जूस या पानी न पीने दें, बोतल बंद पानी या उबले हुए पानी को ही पीने की आदत डालें।

रैशेज की समस्या- इस मौसम में बच्चों को रैशेज होने की भी काफी दिक्कत होती है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे की नैपी गीली न हो। रैशेज के साथ गीली नैपकीन से सर्दी जुकाम होने का डर भी रहता है।

बारिश के बाद तुरंत बाहर न निकलें– बच्चों को बारिश के बाद बाहर निकलना काफी पसंद होता है, क्योंकि बारिश के बाद उन्हें पक्षी, कीड़े -मकौड़े और जमा हुआ पानी काफी पसंद होता है। इस समय इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा खेलते- खेलते जमा हुए पानी या झाडि़यों में न चला जाए। ऐसा करने से बच्चों को कई बीमारियां होने का डर रहता है। अपने बच्चों को इस मौसम में होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करें। उन्हें यह भी जरूर बताएं कि मानसून में अपना ध्यान कैसे रखना है। बच्चों को नहलाने से पहले पानी में डटोल जरूर डाल लें।


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