रोगियों के लिए जी का जंजाल बना टोकन सिस्टम

By: Jul 19th, 2018 12:05 am

 नाहन  —डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नाहन में रोगियों एक दिन में चेकअप करना आसान नहीं है ए यहां दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को यदि नाहन मेडिकल कालेज में चेकअप करवाना है तो कम से कम तीन से चार दिन का समय चाहिए। ग्रामीण इलाकों से उपचार के लिए आई अंजु शर्मा, रक्षा शर्मा, निशा, परीक्षा, रीना, नीलम, पूजा, पूनम, संदीप, लाजवंती, रमेश, ममता देवी, वीरेंद्र, आरती, श्यामा देवी,सुनेहा व ममता आदि दर्जनों महिलाओं ने बताया कि तीन दिन बाद भी उनका चेकअप नहीं हुआ। डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नाहन में रोगियों की समस्याओं को देखते हुए प्रबंधन द्वारा टोकन सिस्टम को लागू किया गया था, लेकिन इसके बावजूद समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। जिला के विभिन्न क्षेत्रों से यहां आने वाले रोगियों का कहना है कि टोकन के लिए प्रातः साढ़े छह बजे से आ जाते हैं और जब उन्हें टोकन मिल भी जाता है तो शाम को चार बजे तक भी नंबर नहीं पड़ता। जिसके बाद मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। उन्होंने समस्या के समाधान की गुहार लगाई है।  डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल  में उपचार के लिए आई दर्जनों महिलाओं ने बताया कि वह सुबह आ गई थी जिसके बाद उन्हें 20 नंबर के बाद के टोकन मिले थे। लेकिन शाम तक चिकित्सकों द्वारा 20 के लगभग ही रोगियों की जांच की गई। इसके बाद उनके टोकन वापस ले लिए गए और उन्हें जांच के लिए तीन दिन बाद शनिवार को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि वह जांच के लिए पिछले करीब तीन दिन से चक्कर काट रहे हैं। लेकिन फिर भी जांच नहीं हो पा रही है। उन्होंने मांग की कि यहां रोगियों की संख्या को देखते हुए चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाए। खासकर महिला ओपीडी में चिकित्सकों की संख्या बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। यहां जिलाभर से गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आती हैं, लेकिन जांच के नाम पर उन्हें धक्के खाने पड़ते हैं। जांच के लिए कई कई दिनों तक चक्कर काटने पड़ रहे हैं। महिलाओं का आरोप है ही अस्पताल प्रशासन व सुरक्षा कर्मियों के जान पहचान वालों का तो चेकअप हो जाता है, मगर आम आदमी की कोई पूछ नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग कि की डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नाहन में स्त्री  रोग विशेषज्ञ चिकत्सकों की संख्या बड़ाई जाए  ताकि दूर दराज से आने वाले रागियों को राहतमिल सके।

क्या कहता से मेडिकल कालेज प्रशासन

डा.वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नाहन के चिकित्सा उप अधीक्षक डा.सुनील ककड़ बताया की रोगियों सी समस्या को देखते  हुए प्रशासन ने टोकन सिस्टम शुरू किया है ताकि पूरी पारदर्शिता रहे। यह सही है कि मेडिकल कालेज में गायनी  विशेषज्ञों की संख्या कम है।  इस बारे सरकार को लिखा गया है शीघ्र ही मेडिकल कालेज एवं अस्पताल चिकित्सकों की तैनाती की उम्मीद है। वर्तमान में तीन  ही चिकित्सक ही सेवाएं दे रहे हैं,जिनमें से एक रात को अपातकालीन ड्यूटी पर रहता है। फिर भी रोगियों की जांच की पुरी कोशिश रहती है। ओटी में चिकित्सक के होने के चलते कई बार बहुत कम ही रोगियों की जांच हो पाती है।


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