शिमला में अढ़ाई मंजिल से ऊंचे भवनों पर रोक बरकरार

By: Jul 17th, 2018 12:10 am

एनजीटी ने खारिज की सरकार की पुनर्विचार याचिका; कोर, ग्रीन एरिया में निर्माण पर पूरी तरह रोक

शिमला — शिमला में अढ़ाई मंजिल से अधिक ऊंचे भवनों का निर्माण नहीं किया जा सकेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने राज्य सरकार की इस संबंध में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर पुराने आदेशों को बरकरार रखा है। इन आदेशों के अनुसार कोर, ग्रीन एरिया व सघन वन क्षेत्रों में कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकेगा। यही नहीं, इनमें किए अवैध निर्माण को गिराना होगा।  एनजीटी का यह फैसला प्रदेश सरकार के लिए बड़ा झटका है। योगेंद्र मोहन की याचिका पर 16 नवंबर, 2017 को एनजीटी ने सख्त आदेश दिए थे। इनमें शिमला के कोर-ग्रीन एरिया में निर्माण पर रोक लगाई गई थी, वहीं इससे बाहर के एरिया में भी अढ़ाई मंजिल से अधिक के भवनों के निर्माण पर पाबंदी लगा दी गई थी। इन आदेशों को लेकर सरकार द्वारा एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। एनजीटी की पांच सदस्यीय बैंच मामले की सुनवाई कर रही थी। सोमवार को भी सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने अपनी पुनर्विचार याचिका में अढ़ाई मंजिल की शर्त हटाने, अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश को रोकने, शिमला के कोर- ग्रीन एरिया में निर्माण पर लगी रोक खत्म करने, 35 डिग्री ढलान की शर्त हटाने की गुहार लगाई थी। सरकार की ओर से टीसीपी एक्ट के अनुसार चार जमा एक यानी साढ़े चार मंजिल तक भवन बनाने की छूट देने का आग्रह किया था। राज्य सरकार ने एनजीटी के फैसले के कुछ बिंदुओं को उसके क्षेत्राधिकार से भी बाहर बताया था। एनजीटी ने कोर-ग्रीन एरिया से बाहर पुराने अवैध भवनों को नियमित करने के लिए शुल्क का निर्धारण भी किया था, जिसे सरकार ने इसके क्षेत्राधिकार से बाहर बताया था। सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए एनजीटी ने 16 नवंबर, 2017 को दिए अपने आदेशों को बरकरार रखा  है और इनकी अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा है। इसके बाद अब शिमला व इससे आसपास के साडा, प्लानिंग एरिया में अढ़ाई मंजिल से ऊंचे भवनों का निर्माण नहीं किया जा सकेगा। केवल सरकारी अस्पताल, स्कूल और जरूरी कार्यालयों को इससे छूट रहेगी, लेकिन इसके लिए भी सुपरवाइजरी कमेटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र व जरुरी अनुमति लेनी होगी। उधर, शहरी विकास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीण चौधरी का कहना है कि एनजीटी द्वारा सरकार की पुनर्विचार याचिका के खारिज होने की जानकारी मिली है। लिखित फैसले का इंतजार किया जा रहा है। फैसले पर कानूनी राय लेकर सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर में कई जगह पुरानी इमारतें हैं, वहीं कई जगह स्कूल और अस्पताल बनाए जाने हैं। सरकार इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।

कोर, ग्रीन एरिया से हटेंगे अवैध निर्माण

एनजीटी के इस फैसले के बाद अब कोर, ग्रीन एवं सघन वन क्षेत्रों पहले से किए गए अवैध निर्माण पर जेसीबी चलेगी। इन आदेशों के बाद अवैध निर्माण को खुद संबंधित लोगों को गिराना होगा।

अब सुप्रीम कोर्ट जाने का ही विकल्प

एनजीटी द्वारा पुनर्विचार याचिका खारिज करना राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सरकार के पास अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ही जाने का विकल्प बचा है। बताया जा रहा है कि सरकार इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट में ले जाएगी।

एनजीटी के फैसले पर कानूनी राय लेकर सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएगी। शहर में कई जगह पुरानी इमारतें हैं, वहीं कई जगह स्कूल और अस्पताल बनाए जाने हैं। सरकार इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी

सरवीण चौधरी

शहरी विकास, नगर नियोजन मंत्री


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