अटल ने बचाई थी हिमाचल की लाज

By: Aug 17th, 2018 12:07 am

2003 में कांग्रेस सरकार के वक्त वित्तीय घाटे से जूझ रहे प्रदेश को दिया था 683 करोड़ का पैकेज

शिमला— कांग्रेस सरकार में हिमाचल की वार्षिकी योजना के वित्तीय घाटे की भरपाई के लिए 683 करोड़ का पैकेज जारी कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य की लाज बचाई थी। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अटल बिहारी वाजपेयी ने यह अनोखी मिसाल पेश की थी। वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मनाली के प्रवास पर आए थे। ठीक इससे पहले हिमाचल में भाजपा सत्ता से बेदखल हुई थी। सत्ता वापसी के साथ वीरभद्र सरकार हिमाचल में वित्तीय संकट से बुरी तरह जूझ रही थी। इसी कारण वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश की वार्षिकी योजना में 683 करोड़ का घाटा राज्य की वित्तीय स्थिति को और ज्यादा परेशानी में डाल रहा था। यह मसला नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल की अगुवाई में भाजपा विधायक दल ने अटल बिहारी वाजपेयी से उठाया था।  दीगर है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लिए उड़ान भरने से पहले भुंतर हवाई अड्डे पर इस पैकेज का मीडिया के साथ विशेष जिक्र किया था। उनका कहना था कि हिमाचल की वार्षिकी योजना के 683 करोड़ के वित्तीय घाटे की भरपाई केंद्र सरकार करेगी। अटल बिहारी वाजपेयी ने बताया कि यह मामला उनके ध्यान में भाजपा के विधायक लाए हैं। केंद्र सरकार का दायित्व होता है कि राज्य सरकारों के हितों की पैरवी की जाए। इसके लिए यह आंकलन करना तुच्छ राजनीति है कि प्रदेश में किसकी सरकार है? उसके बाद ही आर्थिक सहायता जारी हो। भुंतर एयरपोर्ट पर अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि मेरे लिए हिमाचल प्रदेश सबसे ऊपर है। यहां सरकार किसकी है? यह मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता। बताते चलें कि वर्ष 1998 में हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल की सरकार बनी थी। भाजपा-हिविकां के गठबंधन से राज्य की सरकार को केंद्र से कई बड़े पैकेज मिले थे। इसके पीछे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हिमाचल के प्रति उदार छवि सबसे बड़ा कारण था। अटल बिहारी वाजपेयी का कुल्लू के प्रीणी गांव में दूसरा घर है। इसी कारण अटल बिहारी वाजपेयी अकसर छुट्टियां मनाने प्रीणी गांव आते थे। बतौर प्रधानमंत्री भी अटल बिहारी वाजपेयी हर साल प्रीणी गांव के प्रवास पर रहते थे। इस दौरान केंद्र सरकार की कई बड़ी घोषणाएं हिमाचल से होती थी। इसी संदर्भ में हिमाचल प्रदेश की वार्षिकी योजना के वित्तीय घाटे की भरपाई उनकी उदार छवि और हिमाचली प्रेम का बहुत बड़ा उदाहरण है।

ऐसे थे अटल

हिमाचल मेरा घर..

वाजपेयी  ने पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल  से कहा था … तुम सूप पियो मैं 400 करोड़ दे रहा हूं। इसके बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने 400 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। वापसी पर चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पंजाब और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने भी आर्थिक पैकेज मांगा। वाजपेयी ने जवाब दिया….हिमाचल तो मेरा घर है…कुछ और बात करो।

खिल उठता था प्रीणी

अटल बिहारी वाजपेयी के आने पर प्रीणी गांव खिल उठता था।  अटल जी भी जब मनाली आते तो यहां के सरकारी स्कूल के बच्चों से मिलने जाया करते थे। उनसे उनका हाल व समस्याएं पूछते। वहीं, गांव के लोग उन्हें फिर मामू कहने लगे। फिर क्या था जो रिश्ता बना उसे गांव के लोगों ने निभाया था। गांव के लोग उनका हर साल जन्मदिन मनाते, जब भी वह बीमार होते।

अटल को परोसी थी कुल्लवी धाम

मनाली — पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी,जितनी बार भी मनाली आए और प्रीणी में अपने घर पर रहे, वह सिर्फ एक बार ही गांव घूमने निकले। गांव वालों को जिस दिन यह पता चला कि अटल जी आज घर से उनके गांव में घूमने व ग्रामीणों से मिलने के लिए आ रहे हैं, तो ग्रामीणों ने कुल्लूवी धाम के साथ-साथ कुल्लवी व्यंजन भी उन्हें परोसे। इनमें जाटू के चावल, फेबढ़ा, गिच्चे, सिड्डू, भट्टूरू, शूश व साग की सब्जी  बेहद पसंद आई। ग्रामीण ठाकुर दास, लोत राम, पूर्ण चंद का कहना है कि उन्हें आज भी याद है कि जब पूर्व प्रधानमंत्री  प्रीणी   में ग्रामीणों के साथ मिलने आए तो उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मियों को अपने पास आने ही नहीं दिया और ग्रामीणों से आम आदमी की तरह मिले।

याद आएंगे साथ बिताए वे पल

प्रीणी के बुजुर्ग लाल चंद व उनके दोस्तों को आज भी याद है कि जब भी वाजपेयी प्रीणी  आते थे तो वह यहां पर राजनीति की बातें नहीं बल्कि यहां के लोगों का हालचाल ज्यादा पूछते थे।  बुजुर्गों का कहना है कि वह कविताओं को लिखने व उन्हें सुनाने का शौक रखते थे। ऐसे में जब भी उन्हें वक्त मिलता तो वह गांव के अपने मित्रों को अपने आवास पर बुला लेते थे और उनके साथ घंटों बातें करते थे।  अटल कवि तो थे ही एक मिलनसार व्यक्ति भी थे।


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