जमीन नहीं देनी है तो मुआवजा दे दो

By: Aug 13th, 2018 12:05 am

नगरोटा सूरियां -पौंग बांध संघर्ष समिति की एक बैठक समिति के अध्यक्ष तीर्थ राम शर्मा की अध्यक्षता में नगरोटा सूरिया में हुई। बैठक के बाद संघर्ष समिति अध्यक्ष तीर्थ राम शर्मा ने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को अपनी 2.20 लाख एकड़ आरक्षित कमांड भूमि के आबंटन पर कोई सौदेबाजी मंजूर नहीं है। समिति ने कहा कि हम उस जगह का सहमति पत्र नहीं देंगे, जो हमारे लिए रिजर्व नहीं है, हमें वहीं भूमि चाहिए, जो हमें आरक्षित की गई है। समिति ने कहा कि जब तक यह फैसला लागू नहीं होता। प्रदेश सरकार व राजस्थान सरकार के साथ आए हुए ब्रह्मी समझौते का बहिष्कार करें और सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर राजस्थान को मुफ्त पानी देने की जिम्मेदारी से मुक्त करें और राजस्थान को पानी रायल्टी वसूल कर  कर दिया जाए। समिति ने कहा कि पौंग बांध विस्थापितों को उपरोक्त आरक्षित भूमि उन्हें हरगिज न देने के लिए कृतसंकल्प राजस्थान सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। अब यही कार्रवाई फिरर दोहराई जा रही है इस बार 258 पौंग बांध विस्थापितों को तहसील पुगल और उपखंड कोलायत के अनारक्षित भूमिका आबंंटन  करते समय भी उनसे भी सहमति पत्र मांगा जा रहा है, जो कि बिलकुल ही गलत है, इसका हम कड़ा विरोध करते हैं। समिति ने कहा कि यदि राजस्थान सरकार पौंग बांध विस्थापितों की भूमि उन्हें नहीं देना चाहती, तो उनको उचित मुआवजा दिया जाए। यह सुझाव चेयरमैन हाई पावर कमेटी ने 22 मी मीटिंग में हाई कोर्ट शिमला के समक्ष रखा था, जिसे मानना राजस्थान सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। समिति ने कहा कि राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हाई कोर्ट जोधपुर द्वारा गठित वशिष्ठ न्यायालय के फैसले को लागू करते हुए 1188 मुरब्बा को रकबा राज घोषित किया है। इसके विपरीत उसी सरकार के कलेक्टर श्रीगंगानगर ने सरदारी  लाल पौंंग डैम  विस्थापित के प्रकरण में आयुक्त उपनिवेशन बीकानेर को पत्र लिखकर बताया है कि 1188 मुरब्बे सभी विवादित हैं इनमें से एक भी पौंग बांध विस्थापित को नहीं दिया जा सकता यह दो प्रकार के विरोधाभासी दस्तावेजों  के  बारे में राजस्थान सरकार  से स्पष्टीकरण मांगा जाए। इस बैठक में राम, मदन लाल, पाल, जोगिंद्र, बृजमोहन, अनु, विपिन, रणबीर, राजेश, राकेश, दिनेश,  सहित प्यारे लाल सहित सैकड़ों पौंग बांध विस्थापित इकट्ठे थे ।

 


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