फर्जी एजेंटों से नहीं निपट रही सरकार

By: Aug 13th, 2018 12:05 am

सुखदेव सिंह (नूरपुर)

बढ़ती बेरोजगारी किसी अभिशाप से कम नहीं है। शिक्षित बेरोजगार आजकल बेरोजगारी की चक्की में पिस कर आहत हैं। शिक्षा अपने मूल उद्देश्यों पर खरा नहीं उतर पा रही है। नतीजन हर साल युवा डिग्रियां हासिल करके सिवाय घर बैठने के कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सरकारों की नीतियां स्पष्ट न होने की वजह से युवा उलझ कर रह गए हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है। इस राज्य के शिक्षण संस्थानों से की जाने वाली डिग्रियां देश में मान्य मानी जाती हैं। जम्मू-कश्मीर से ईटीटी करने वाले युवाओं को सालों बाद भी हिमाचल प्रदेश की सरकारें रोजगार मुहैया नहीं करवा पाई हैं। बेरोजगार नशीले पदार्थों की बिक्री को अपनी आजीविका का धंधा बनाते जा रहे हैं। कुछेक नेतागण बेरोजगारों को सिर्फ ठेकेदारी करने के लिए प्रेरित करके अपने पीछे लगाए हुए हैं। बेरोजगारी से तंग आकर हिमाचल प्रदेश के शिक्षित युवा रोजी-रोटी की तलाश में विदेशों की ओर पलायन कर रहे हैं। फर्जी एजेंटों के मकड़जाल में फंसकर कई युवा अपनी मेहनत की पूंजी भी बर्बाद कर चुके हैं। मगर सरकारें युवाओं को इस ठगी से बचाने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रही हैं।


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