मंडी में अब नहीं होंगे ‘हिमाचल दर्शन’

By: Aug 10th, 2018 12:15 am

फोरलेन की जद में आने से मिट गया फोटो गैलरी का वजूद, म्यूजियम भी बंद

मंडी— एक छत के नीचे पूरे हिमाचल के दर्शन करवाने वाली हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी अब लोगों को हिमाचल दर्शन नहीं करवा सकेगी। 24 अप्रैल, 1997 को मंडी-कुल्लू मार्ग पर मंडी से चार किलोमीटर दूर बिंदरावणी में स्थापित की गई ‘हिमाचल दर्शन’ फोटो गैलरी शुक्रवार से बंद हो गई है। 22 वर्ष तक अस्तित्व में रही हिमाचल दर्शन गैलरी फोरलेन की जद में आ जाने के कारण अब मिट गई है। इसके अलावा इसी गैलरी में बनाया जा रहा प्राचीन वस्तुओं का म्यूजियम भी बंद हो गया है। इस गैलरी में हिमाचल प्रदेश को छायाचित्रों के माध्यम से एक ही छत्त के नीचे दर्शाया गया था। एक ही छत के नीचे प्रदेश के प्राचीन मंदिर, किले, स्मारक, कुदरती झीलें, नृत्य, वेशभूषा, जनजीवन, विकास, कुदरती सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति, प्रमुख शहर व हर ऐसी फोटो यहां उपलब्ध है, जो कि हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती को दर्शाती हैं। गैलरी के संस्थापक एवं छायाकार बीरबल शर्मा के अनुसार वह लगातार तीन सालों से हर स्तर पर गुहार लगा रहे थे कि इस गैलरी को स्थापित करने के लिए कोई उचित स्थान सरकार मुहैया करवाए या फिर इस मार्ग को सामने खाली पड़ी जगह की और खिसकाकर इसे बचाया जाए, लेकिन इस संदर्भ में सरकार व प्रशासन ने कोई प्रयास नहीं किए। हालांकि प्रदेश के भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से इसे शिमला स्थित राज्य संग्रहालय और बाद में बैटनी कैसल में ले जाने की पेशकश हुई थी, लेकिन इस पर भी बात आगे नहीं बढ़ सकी। बीरबल शर्मा ने बताया कि वह 15 साल के थे, जब फोटोग्राफी की दुनिया में आए थे और 25 साल के थे, जब उन्होंने पहले पूरे मंडी जिला और फिर पूरे प्रदेश का भ्रमण किया। कई कई दिन पैदल चल कर और कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने प्रदेश को दर्शाने वाले फोटो लिए थे। इन्हीं फोटो के आधार पर इस गैलरी की स्थापना की गई थी। बता दें कि इस गैलरी में कई ऐसे छायाचित्र हैं, जो दुर्लभ हो गए हैं। शायद यही कारण रहा होगा कि कुछ साल पहले केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के तहत कार्यरत मॉन्यूमेंट एंड एंटीक इंस्टीच्यूट ने इस गैलरी को रिसर्च सेंटर घोषित किया।

सरकार वापस ले मुआवजा

बीरबल शर्मा ने बताया कि वह अब 62 साल के हो गए हैं, उनमें न अब पहले जैसी ऊर्जा बची है और न ही इतने संसाधन हैं कि इस तरह की गैलरी फिर से बनाई जा सके। सरकारों व एनएचआई ने जितना मुआवजा इसका दिया है, उससे तो ऐसी आधी गैलरी का भी निर्माण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार मुआवजा वापस ले। वह चाहते हैं कि ऐसी गैलरी किसी इसी तरह की अच्छी लोकेशन पर बना कर दी जाए या फिर सरकार इसे अपने अधीन ले ले।


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