रिज पर बढ़ रही दरारें

By: Aug 16th, 2018 12:10 am

शिमला  —ऐतिहासिक रिज मैदान पर जो दरारें आई हैं, वे लगातार बढ़ती ही जा रही है। नगर निगम शिमला द्वारा हर साल लीपा-पोती कर ही इसका मुरम्मत कार्य किया जाता है। बार-बार धंसने के बावजूद भी ऐतिहासिक रिज मैदान के संरक्षण के लिए अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं हो पाया है। जो कभी भी इस मैदान को धराशायी कर सकता है। मॉनसून के दौरान हर वर्ष रिज मैदान पर क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। रिज मैदान पर इस मॉनसून के दौरान भी दरारें पड़नी शुरू हो गई थी। गत रोज हुई मूसलाधार बारिश के चलते ये दरारें और बढ़ गई हैं, जिन पर नगर निगम शिमला द्वारा फिर लीपा-पोती की गई है। यदि इसका स्थाई समाधान नहीं ढूंढा जाता है तो इस ऐतिहासिक मैदान का वर्चस्व खत्म हो जाएगा। वहीं इस मैदान के आस-पास रहने वाले सैकड़ों लोग भी इसकी जद में आ सकते हैं। चूंकि रिज मैदान पर अंग्रेजों के जमाने का पेयजल भंडारण टैंक हैं।   जहां से पूरे शहर को पेयजल आपूर्ति की जाती है। बताते चले कि वर्ष 2011 में रिज के धंसने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। 2011 में यहां का बड़ा भू-भाग अपनी जगह से पूरी तरह से बैठ गया था जिसे बचाने के लिए नगर निगम ने इसका बचाव कार्य आरंभ किया था। वह रिज को बचाने का अस्थायी समाधान था जो बरसात के दौरान अक्सर जवाब दे देता है।


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