नायक हुए बेचैन

By: Feb 23rd, 2017 12:01 am

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर )

ईवीएम में कैद है, नेता की तकदीर,

करवट, मर्जी ऊंट की, धुंधली है तस्वीर।

अंदर से टूटे हुए, बाहर से मुस्कान,

जैसे-जैसे दिन घटे, निकली जाए जान।

नींद रात की उड़ गई, उड़ गया दिन का चैन,

दिल की धड़कन बढ़ रही, नायक हैं बेचैन।

नायक हैं बेचैन, रक्त का चाप चढ़ गया,

तीखी गाली दी, फिर क्यों मधुमेह बढ़ गया।

भीड़-भड़क्का उठ गया, मेला खो गया दूर,

छुटभैए भी छक गए, लेग-पेग भरपूर।

भटक रहा मन आज क्यों, कहां गई सुख-शांति,

अमन चैन क्यों लुट गया, बढ़ती जाती भ्रांति।

वोट सदा से खेलते, हैं नोटों का खेल,

लाठी है तो भैंस है, यह लठैत का मेल।

चमचे, कड़छे कह रहे, जीतोगे हर हाल,

भरा खजाना जो घटा, भर लेंगे फिर माल।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App